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ग्राम प्रधान, एडीओ पंचायत सहित 9 पर कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज

न्यायालय के आदेश पर चोलापुर थाने में ब्लाक पर तैनात एडीओ पंचायत सहित 9 लोगों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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वाराणसी। न्यायालय के आदेश पर चोलापुर थाने में ब्लाक पर तैनात एडीओ पंचायत सहित 9 लोगों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला अगस्त 2021 पंचायत सहायक की नियुक्ति में अनियमितता बरतने का विरोध करने पर मारने पीटने और जातिसूचक गाली देने से जुड़ा है। कोर्ट द्वारा की गयी इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार चोलापुर ब्लाक की भदवां कलां निवासी दलित महिला के साथ मारपीट के प्रकरण में चोलापुर थाने में आईपीसी की धारा 147, 323, 504, 506, 392, 3(1) (द) एससी/एसएसटी एक्ट1989, 3 (1) (घ) धारा के तहत एडीओ पंचायत प्रमोद पाठक, सेक्रेटरी सचिन त्रिपाठी, भदवां गांव की प्रधान पूनम देवी, उनके पति दिनेश प्रसाद, चंद्रपाल, कन्हैया लाल, रमेश, निशा देवी, कन्हैया की पत्नी गीता देवी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।


दूसरे गांव की महिला का किया चयन

पीड़ित महिला ने इस सम्बन्ध दाखिल रिट में बताया कि अगस्त 2021 में ब्लाक पर पंचायत सहायक/एकाउंट ऑफिसर कम डाटा इंट्री आपरेटर की नियुक्ति निकली थी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण शर्त डोमेसाइल की थी। यानी ब्लाक में गांव स्तर पर होने वाली इस नियुक्ति में उसी गांव का होना आवश्यक था। इसपर पीड़िता ममता देवी और अन्य लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन उस पद पर निशा देवी का चयन किया जोकि भदवां गांव की निवासी नहीं थी। इसपर उच्चाधिकारियों से शिकायत की गयी पर कहीं से कोई करवाई नहीं हुई।


हाईकोर्ट में डाली नियुक्ति स्टे के लिए रिट पेटिशन

ममता देवी ने बताया कि इसके बाद हमने हाईकोर्ट में इस नियुक्ति पर स्टे के लिए रिट पेटिशन डाली। इस पेटिशन में नियुक्त निशा देवी को चैलेन्ज न करने की वजह से हाईक्रोट में यह पेटिशन खारिज कर दी गयी। ममता ने बताया कि इसपर उसने नया पेटिशन डाला लेकिन इसपर निशा की नियुक्ति को चैलेन्ज करने के लिए जरूरी नियुक्ति पत्र जब के लिए कई बार ग्राम प्रधान, एडीओ पंचायत और सेक्रेटरी को कई बार लेटर लिखा पर उन्होंने देने से इंकार कर दिया। इसपर डीएम से शिकायत की तो उन्होंने सभी को तलब कर लिया।


एडीओ पंचायत के कमरे में बुलाकर की गयी मारपीट

ममता ने आरोप लगाया कि इसके बाद 27 सितम्बर 2022 को हमें नियुक्ति पत्र देने के लिए फोन करके पंचायत भवन बुलाया गया। वहां पहुँचने पर एडीओ पंचायत प्रमोद पाठक के साथ सेक्रेटरी सचिन त्रिपाठी, ग्राम प्रधान पति दिनेश प्रसाद, चंद्रपाल, कन्हैया लाल और रमेश बैठे थे। ग्राम प्रधान पूनम देवी, निशा देवी और गीता देवी बाहर ही मौजूद थीं। अंदर बैठे लोगों ने डीएम से शिकायत करने और हाईकोर्ट में याचिका दायर करने को लेकर धकाना शुरू किया और फिर जाती ***** गाली देते हुए मारने पीटने लगे।


स्पेशल जज एससी/एसटी से लगायी गुहार

ममता के अनुसार इस दौरान उन लोगों ने उसकी सोने की चेन नोच ली और सादे कागज़ पर जबरदस्ती लिखवाने की कोशिश की कि मुझे नियुक्ति पत्र नहीं चाहिए। वहां से किसी तरह भार भाग कर पुलिस को फोन करना चाहा तो प्रधान पूनम ने मोबाइल छीनकर खेत में फेंक दिया। वहां से भागी तो रास्ता रोककर गिरा दिया गया और जान से मारने की धमकी दी गयी। इसपर मेडिकल करवाकर पुलिस से गुहार लगाया पर कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद स्पेशल जज एससी/एसटी के सामने धारा 156 (3) तहत गुहार लगायी थी।


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