गोरखपुर संासद बनने से लेकर योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है। अखिलेश यादव की तरह सीएम योगी भी खास जाति की राजनीति करते आये हैं। गोरखपुर के जिलाधिकारी भी सीएम योगी की उसी जाति की राजनीति में बिल्कुल फिट बैठते हैं। इसके चलते हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी राजीव रौतेला पर सीएम योगी ने कार्रवाई नहीं की है। गोरखपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में जिस तरह राजीव रौतेला ने चुनावी आंकड़ों को रोकने का प्रयास व मीडिया पर प्रतिबंध लगाया था उसका अब खुलासा हो चुका है। चुनाव आयोग ने खुद ही जिलाधिकारी को नोटिस देकर जबाव मांग लिया है इससे साफ हो गया है कि गोरखपुर के जिलाधिकारी की भूमिका सही नहीं है।
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हाईकोर्ट ने अवैध खनन में फंसे राजीव रौतेला पर कार्रवाई के दिये थे निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने २६ दिसम्बर को अपने आदेश में दो आईएएस अधिकारी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट की जस्टिस डीबी भोसले औश्र जस्टिस एमके गुप्ता रामपुर की कोसी नदी में अवैध खनन पर दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित करने को कहा था। उस समय रामपुर के दो जिलाधिकारी राजीव रौतेला व राकेश सिंह सिंह तैनात थे और हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना था कि वर्ष २०१५ में अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करने को कहा था लेकिन राजीव रौतेला व राकेश सिंह रामपुर के जिलाधिकारी रहते हुए कुछ कार्रवाई नहीं की थी। इसके विपरित दोनों आईएएस ने मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया था इस पर नाराज हाईकोर्ट ने दोनों आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहा था इसके बाद भी सीएम योगी ने जाति कार्ड खेलते हुए कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विपरित राजीव रौतेला को गोरखपुर का जिलाधिकारी बना दिया।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने २६ दिसम्बर को अपने आदेश में दो आईएएस अधिकारी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट की जस्टिस डीबी भोसले औश्र जस्टिस एमके गुप्ता रामपुर की कोसी नदी में अवैध खनन पर दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित करने को कहा था। उस समय रामपुर के दो जिलाधिकारी राजीव रौतेला व राकेश सिंह सिंह तैनात थे और हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना था कि वर्ष २०१५ में अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करने को कहा था लेकिन राजीव रौतेला व राकेश सिंह रामपुर के जिलाधिकारी रहते हुए कुछ कार्रवाई नहीं की थी। इसके विपरित दोनों आईएएस ने मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया था इस पर नाराज हाईकोर्ट ने दोनों आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहा था इसके बाद भी सीएम योगी ने जाति कार्ड खेलते हुए कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विपरित राजीव रौतेला को गोरखपुर का जिलाधिकारी बना दिया।
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