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कांग्रेस ने प्रत्याशियों की सूची जारी करके केशव प्रसाद मौर्या की बढ़ायी परेशानी, महेन्द्रपांडेय व मनोज सिन्हा को मिली बड़ी चुनौती

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी की नयी रणनीति का खुलासा, जानिए क्या है कहानी

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Deputy CM Keshav Prasad Maruya, Manoj Sinha and Dr Mahendranath Pandey

Deputy CM Keshav Prasad Maruya, Manoj Sinha and Dr Mahendranath Pandey

वाराणसी. कांग्रेस ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को बड़ा झटका देने की तैयारी की है। कांग्रेस ने शनिवार को प्रत्याशियों की एक सूची जारी की है जिसमे बाहुबली रमाकांत यादव को भदोही, चंदौली से बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या कुशवाहा, गाजीपुर से अजीत प्रताप कुशवाहा, भदोही से बाहुबली रमाकांत यादव, बस्ती से बाहुबली राजकिशोर सिंह, जौनपुर से देवव्रत शर्मा, सलेमपुर से डा.राजेश मिश्रा, गोंडा से श्रीमती कृष्णा पटेल को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस की नयी सूची से यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की परेशानी बढ़ सकती है।
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IMAGE CREDIT: Patrika

बीजेपी ने पिछड़े वर्ग के वोटरों को अपने पाले में करने के लिए केशव प्रसाद मौर्या को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। बीजेपी का यह दांव सफल साबित हुआ था और यूपी चुनाव २०१७ में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था। माना जा रहा था कि पिछले वर्ग में यादव छोड़ कर अन्य जाति के लोगों ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या को पार्टी ने इनाम दिया था और डिप्टी सीएम बनाया है लेकिन अब केशव प्रसाद मौर्या की परेशानी बढ़ सकती है। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस ने बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी जनअधिकार मंच से गठबंधन किया है जिसके बाद से कांग्रेस ने मौर्या व कुशवाहा वोटरों में सेंधमारी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने गाजीपुर व चंदौली से मौर्या प्रत्याशी उतार कर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा.महेन्द्रनाथ पांडेय व केन्द्रीय राज्यमंत्री मनोज सिन्हा की राह कठिन कर दी है। बीजेपी अभी तक इस वोट बैंक को अपना मान कर चल रही थी लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी उतारने के बाद सबसे अधिक फायदा अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन को हो सकता है।
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जानिए कैसे बढ़ी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की परेशानी
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की परेशानी कांग्रेस ने बढ़ा दी है। डिप्टी सीएम पर मौर्या, कुशवाहा सहित अन्य पिछड़ी जाति के वोटरों को लाने की जिम्मेदारी है ऐसे में कांग्रेस ने मौर्या प्रत्याशी उतार कर डिप्टी सीएम केशव की राह को कठिन कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की रणनीति सफल होती है तो इसका फायदा यूपी चुनाव 2022 में भी हो सकता है। फिलहाल कांग्रेस ने पिछड़े व अति पिछड़ों को टिकट देकर बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। बीजेपी ने कांग्रेस के इस दांव के बेकार नहीं किया तो पार्टी की चुनाव में राह कठिन हो जायेगी।
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