
CO Ankita singh and Constable Rakesh Saroj
वाराणसी. जनता में पुलिस की छवि अच्छी नहीं रहती है। पुलिस के व्यवहार को लेकर हमेशा लोगों को शिकायत रहती है लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी होते हैं जो मानवता की सबसे बड़ी मिसाल पेश कर विभाग की शान बढ़ाने से पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे ही एक पुलिसकर्मी ने रात में तीन बजे अजनबी पिता के 9 दिन के बेटे की जान बचाने के लिए अपना खून दिया। पुलिसकर्मी की यह कहानी सुन कर सभी ने उसे सलाम किया। चेतगंज सीओ अंकिता सिंह ने बकायदे पुलिसकर्मी को सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाया।
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बिहार के निवासी एक व्यक्ति का 9 दिन का बेटा महमूरगंज में एक निजी अस्पताल में भर्ती था। चिकित्सकों ने जांच के बाद तुरंत ही नवजात बच्चे की जान बचाने के लिए खून चढ़ाने को कहा। पिता तुंरत ही अस्पताल से निकला ओर आईएमए पहुंच गया। आईएमए के नियमानुसार जितना खून चाहिए उतना खून डोनेट करना होता है। पिता तुरंत ही खून देने को तैयार हो गया। पिता की आंख का कुछ दिन पहले ही ऑपरेशन हुआ था इसलिए आईएमए ने स्वास्थ्य कारणों से पिता का खून लेने के लिए मना कर दिया। बनारस में पिता के पास ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था जो रात में तीन बजे आकर बच्चे की जान बचाने के लिए खून दे सके। आईएमए ब्लब बैंक के बाहर पिता रो रहा था। इसी बीच चेतगंज थाने में तैनात सिपाही राकेश सरोज वहां से गुजर रहे थे। आमतौर पर किसी को रोते हुए देख कर पुलिस वाले अधिक मतलब नहीं रखते हैं लेकिन राकेश सरोज का स्वभाव ही लोगों से अलग था। वह रोते पिता के पास पहुंचा और रोने का कारण पूछा। पिता ने बताया कि उसके ९ दिन के बेटे की जान बचाने के लिए एक यूनिट खून की जरूरत है। यह सुनते ही सिपाही ने पिता का साथ लिया और सीधे जाकर अपना खून दिया। इसके बाद पिता को खून मिल गया और वह सिपाही को धन्यवाद देते हुए वहां से चला गया। सिपाही ने अंजान व्यक्ति के लिए जो महादान किया है उसकी सभी जगह पर प्रशंसा हो रही है।
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Published on:
19 Jun 2019 01:05 pm
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