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ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव सुसाइड केस, आरोपी एक इंजीनियर के आवास पर चस्पा की गयी नोटिस

नोटिस मिलने पर एसआईटी टीम के सामने उपस्थित नहीं हुए छह आरोपी तो जारी होगा वारंट, शासन ने पीडब्ल्यूडी में पांच साल में तैनात इंजीनियरों व कर्मचारियों की सूची तलब की

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Contractor Avadhesh Srivastava

Contractor Avadhesh Srivastava

वाराणसी. पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कक्ष में ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव के गोली मार कर आत्महत्या करने के प्रकरण में एसआईटी ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने पहले ही जांच के बाद दो आरोपी इंजीनियर मनोज सिंह व आशुतोष सिंह को जेल भेजा जा चुका है इसके बाद एसआईटी ने छह आरोपी को नोटिस जारी की है। एक आरोपी सहायक अभियंता एसडी मिश्रा के यहां पर नोटिस रिसीव नहीं हुई तो उनके आवास पर चस्पा किया गया है। इस बात की पुष्टि कैंट थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी ने की है।
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ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव के गोली मार कर आत्महत्या करने व सुसाइड नोट में जिम्मेदार अधिकारियों का नाम सामने आने के बाद से ही पीडब्ल्यूडी में हड़कंप मचा हुआ है। मृत ठेकेदार की पत्नी प्रतिभा श्रीवास्तव की तहरीर पर कैंट पुलिस ने चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद एसएसपी ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी ने बचे हुए छह आरोपियों को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी की है। कैंट सीओ आईपीएस डा.अनिल कुमार ने बताया कि सभी आरोपियों को सोमवार को नोटिस जारी की गयी है। यदि तीन दिन के अंदर एसआईटी के सामने उपस्थित नहीं होते हैं तो कोर्ट से वारंट जारी कराने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। पुलिस ने पहले ही सीन रीक्रिएशन के लिए फोरेंसिक साइंट लैबोरेटी को पत्र लिखा है। संभावना है कि जल्द ही टीम आकर अपना काम शुरू करेगी।
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शासन ने तलब की पांच साल में तैनात लोगों की सूची, मुकदमा दर्ज होने के बाद से गायब हुए आरोपी
पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में कमीशखोरी के चलते एक ठेकेदार को अपनी जान देनी पड़ी है इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ भी सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। शासन ने विभाग में पांच साल में तैनात अधिकारी व कर्मचारियों की सूची तलब की है। पहले ही एक जांच टीम मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौप चुकी है। दूसरी तरफ थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद चीफ इंजीनियर समेत अन्य लोग फिलहाल गायब हो गये हैं। जिस तरह से एसआईटी अपना काम कर रही है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही सभी आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसा जायेगा।
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