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Contractor suicide case-बाहुबलियों के मनपसंद विभाग में नहींं लगा सीसीटीवी, पुलिस भी हो गयी हैरान

ठेकेदार के गोली मारने के बाद पहली बार भ्रष्टाचार आया सामने, जांच के बाद बेनकाब होंगे जिम्मेदार अधिकारी

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Contractor Avadhesh Srivastava

Contractor Avadhesh Srivastava

वाराणसी. विभागों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं लेकिन बाहुबलियों का मनपसंद विभाग ऐसा है, जहां पर कोई कैमरा नहीं लगा है। विभाग में कौन आता है और कहां पर क्या डील होती है इसका प्रमाण जुटाना संभव नहीं है। ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने जब पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर कक्ष में गोली मार कर आत्महत्या की तो बड़ी गड़बड़ी सामने आयी है। पुलिस जांच में पता चला कि विभाग में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है जिससे पता चल सके कि कौन आता व जाता था।
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पीडब्ल्यूडी विभाग सबसे कमाई वाला माना जाता है और बाहुबली यहां का ठेका लेने के लिए सारी ताकत लगाते थे। मुन्ना बजरंगी, मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, धनंजय सिंह ऐसे नाम है जिसका पीडब्ल्यूडी विभाग पर एक समय सिक्का चलता था। ठेके के लिए गैंगवार में कई लोगों की हत्या तक हो चुकी है। पहले आम तौर पर माना जाता था कि बिना बाहुबली के संरक्षण मिले कोई भी ठेकेदार पीडब्ल्यूडी में ठेका नहीं ले सकता है इसके बाद भी पीडब्ल्यूडी विभाग में सीसीटीवी कैमरा तक नहीं लगाया गया है, जिससे वहां की गतिविधि कभी बाहर नहीं आ पाती। ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कक्ष में लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार कर जान दी है इसके बाद सुसाइड नोट में अधिकारियों द्वारा कमिशन नहीं दिये जाने पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है जिससे स्पष्ट हो जाता है कि विभाग में सीसीटीवी इसलिए नहीं लगाया गया था कि वहां की कमिशनखोरी बाहर नहीं आ पाये।
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पीडब्ल्यूडी विभाग में हर काम के लिए देना पड़ता है कमिशन
सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद भी पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्यप्रणाली में परिवर्तन नहीं हुआ है। यहां पर हर काम के लिए कमीशन देना पड़ता है। कमिशन देने के बाद ही ठेका पास होता है। किसी भी प्रोजेक्ट का ३० से ४० प्रतिशत हिस्सा कमीशन मं चला जाता है। सीसीटीवी नहीं लगा होने के चलते अधिकारी आराम से नियमों कहो ताक पर रख कर ठेकेदारों से वसूली करते हैं। कमीशन मिल जाने के बाद भी ठेकेदारों से और पैसा लेने का दबाव बनाया जाता है। अधिकारी लगातार ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने व जेल भेजने की धमकी देते हैं। अवधेश श्रीवास्वत के सुसाइड नोट में इस बात का पूरा जिक्र है उन्होंने लिखा था कि अधिक कमीशन नहीं देने पर उनका भुगतान रोक दिया गया था और अधिकारी लगातार प्रताडि़त कर रहे थे। पत्नी के जेवर तक बेचने पड़े थे इसके बाद भी अधिकारी भुगतान नहीं कर रहे थे। पूर्वांचल के बड़े ठेकेदार होने के बाद भी अधिकारियों ने इतना परेशान कर दिया था कि उन्हें गोली मार कर अपनी जान देनी पड़ी। सुसाइड नोट में सारी सच्चाई भी लिख कर मरे हैं, जिससे दुनिया को पीडब्ल्यूडी का काला सच पता चल सके।
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