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Video: सुबह-ए-बनारस के मंच पर नए साल की प्रथम गंगा आरती में शामिल हुए श्रद्धालु, की मंगलकामना

धर्म की नगरी काशी में नए साल का जश्न मनाने के लिए आस्थावान पहुंचे हैं। यहां दैनिक प्रातः गंगा आरती में सैंकड़ों श्रद्धालु अस्सी घाट पर मौजूद रहे। हवन-पूजन के साथ घने कोहरे में गंगा आरती सम्पन्न कराई गई। इस दौरान विश्व शान्ति और कल्याण की प्रार्थना मां गंगा से की गई।

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Varanasi Ganga Arti Happy New Year

सुबह-ए-बनारस के मंच पर नए साल की प्रथम गंगा आरती में शामिल हुए श्रद्धालु

वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में हजारों श्रद्धालु देवालयों और शिवालयों में हाजिरी लगाकर नए साल का स्वागत कर रहे हैं। काशी में सुबह गहरे कोहरे के बावजूद जहां आस्थावानों ने गंगा में डुबकी लगाईं। वहीं सुबह-ए-बनारस के मंच पर होने वाली दैनिक प्रातःकालीन आरती में सैकड़ों लोग भोर में अस्सी घाट पर एकत्रित हुए। तय समय पर पाणिनि कन्या महाविद्यालय के महिला अर्चकों ने वैदिक मन्त्रों के बीच हवन पूजन संपन्न कराया। इसमें लोक कल्याण और विश्व शांति के संकल्प के साथ आहुति दी गई। वहीं इसके बाद वैदिक मन्त्रों और गंगा वंदन के बीच मां गंगा की दिव्य-भव्य-अलौकिक आरती सम्पन्न कराई गई। इस दौरान गंगा तट पर कोहरे के बीच श्रद्धालु मां गंगा का हाथ जोड़कर अभिवादन करते देखे गए और मां से लोक कल्याण और सुख शांति की कमाना करते रहे।

इस वर्ष का सबको था इंतजार

इस संबंध में घाट पर मौजूद प्रमोद मिश्रा ने बताया कि नए साल का स्वागत पूरा देश और सम्पूर्ण विश्व कर रहा है। इसी क्रम में काशी भी आज नए साल का स्वागत परम्परागत तरीके से कर रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का लोगों को वर्षों से इंतजार था क्योंकि 500 साल के वनवास के बाद भगवान श्रीराम इसी वर्ष 22 जनवरी को भव्य और दिव्य राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठित होंगे। ऐसे में आज हम लोगों ने यज्ञशाला में विश्व मंगल के लिए और देश के कल्याण और शान्ति के लिए आहुति दी। सभी ने उदयीमान सूर्य को प्रणाम कर नए वर्ष का स्वागत किया है।

बनी रहे सबपर माता अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ की कृपा

उन्होने कहा कि हमने कामना की है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सभी के ऊपर बाबा विश्वनाथ और माता अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहे। इसी कामना के साथ आज हवन पूजन किया गया है। वहीं अन्य जगहों पर क्लबों के शोर के बीच मन रहे नए साल पर उन्होंने कहा कि सबका अपना अपना तरीका है। काशी आध्यात्म की नगरी है यहां कर्मकांडों से ही दिन की शुरुआत हमेशा से होती आई है।


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