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रविवार को भूल कर न करें यह काम, नहीं तो इस रोग से हो जायेंगे पीड़ित

अवकाश के चलते हम भूल जाते हैं दिन की महत्ता, जानिए इतवार का क्या है धार्मिक महत्व

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surya dev

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वाराणसी. रविवार का मतलब अवकाश होता है। संडे के दिन हम छुट्टी मनाते हैं और जो दिल में आता है करते है लेकिन हमें यह नहीं पता है कि रविवार को की गई गलती कितना भारी पड़ सकती है। रविवार का दिन हमे अपने बिगड़े भाग्य को संवारने में भी बीता सकते हैं एक बार हमारी पूजा सफल हुई तो जीवन में रोज खुशियां मनाने का मौका मिलेगा। रविवार को यह सब काम किया तो आप चर्म रोग से पीडि़त हो सकते हैं।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव का दिन होता है। सूर्यदेव में ऊर्जा का असीम भंडार का केन्द्र होता है। पूजा-पाठ करने से हमारी शरीर के अंदर की नकारात्म ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा ही जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। ऐसे में सूर्यदेव के दिन ही हम उनकी आराधना करके सकारात्मक ऊर्जा का लाभ नहीं प्राप्त करेंगे तो जीवन में सफलता मिलनी कठिन हो जायेगी। सूर्य भगवान की नियमानुसार पूजा करके हम मनचाही मुराद पा सकते हैं।
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रविवार को भूल कर न करें यह काम
रविवार को सूर्योदय के बाद नहीं उठना चाहिए
मांस-मंदिरा का प्रयोग इस दिन करने से बचना चाहिए
रोज सूर्यदेव को जल नहीं दे पाते हैं तो रविवार को स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अवश्य जल चढ़ाये
रविवार को अपनी थकान मिटाने के लिए लोग शाम को सो जाते हैं ऐसा करने से धन की हानि होती है
अन्य दिनों की तरह रविवार को गरीब, परिवार के बढ़े सदस्यों का अपमान भूल कर नहीं करना चाहिए
रविवार को लहुसन व प्याज के भी सेवन से बचना चाहिए
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रविवार को अपनी थकान मिटाने के लिए लोग शाम को सो जाते हैं ऐसा करने से धन की हानि होती है
अन्य दिनों की तरह रविवार को गरीब, परिवार के बढ़े सदस्यों का अपमान भूल कर नहीं करना चाहिए
रविवार को लहुसन व प्याज के भी सेवन से बचना चाहिए
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ऐसे करें सूर्यदेव को प्रसन्न, बदल जायेगी आपकी किस्मत
नौ ग्रह का हमारे जीवन में कितना महत्व है यह सभी को पता है। भगवान सूर्यदेव को नौ ग्रहों का मुखिया माना जाता है और भगवान सूर्यदेव से ही नौ ग्रहों को ऊर्जा मिलती है इसलिए भगवान भास्कर को इन दिन ऐसे प्रसन्न किया जाता सकता है। सूर्यदेव प्रसन्न हुए तो आप कभी बीमार नहीं पड़ेंगे। साथ ही कॅरियर में सफलता, सुख व प्रसिद्धि भी मिलेगी।
रविवार को सूर्योदय के पहले स्नान कर उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाये
सफेद वस्त्र पहन कर सूर्योदय की उपासना करें
सूर्यदेव को लाल चंदन को लेप, कुंकुम, चमेली और कनेर का फूल अर्पित करना चाहिए
सूर्यदेव को नमन करते हुए ऊं सूर्याय नम: मंत्र का कम से कम १०८ बार जाप करें
रविवार को व्रत रखे और नमक को सेवन से परहेज करें
सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रख रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का अवश्य पालन करें

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भगवान के नेत्र होते हैं सूर्यदवेता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यदेवता को भगवान को नेत्र माना जाता है अनादि काल से ही सूर्यदेव की पूजा करने का महत्व बताया गया है। रविवार को सूर्यदेवता का दिन होता है इसलिए पूजा करने से भगवान भास्कर जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। बिहार में बच्चों के लिए की जाने वाली छठ पूजा भी भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए होती है। उगते व ढलते सूर्यदेव का अपना महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऋषि दुर्वासा ने नाराज होकर श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब को शाप दिया था जिसके चलते साम्ब कुष्ठ रोग से पीडि़त हो गये थे। इस भयंकर रोग से मुक्ति पाने के लिए साम्ब ने सूर्य की अराधना की थी और जब सूर्यदेवता प्रसन्न हुए तब जाकर साम्ब को कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलती थी। रविवार को सूर्यदेव नाराज हुए तो आप भी चर्म रोग से पीडि़त हो सकते हैं इसलिए सूर्यदेव को प्रसन्न कर अपना जीवन सफल बनाये।
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