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कहते हैं कि हल्की ठोकर भी आंख खोलने के लिए काफी होती है लेकिन सेतु निगम ऐसा विभाग है जो 18 लोगों के मौत की मुनादी के बाद भी नहीं बदलता है। पत्रिक ने जब मजदूरों को मिला हेलमेट देखा तो जमीन से पैरे ही खिसक गयी। हल्के प्लास्टिक का बने इस हेलमेट से मजदूरों के सिर की सुरक्षा की जा रही है। हेलमेट का हाल ऐसा है कि हल्की चोट लगने पर ही वह फट जायेगा। ऐसे में इतने ऊंचे फ्लाईओवर पर इन प्लास्टिक हेलमेट के सहारे मजदूरों की सुरक्षा का स्वांग रचा जा रहा है। सेतु निगम की यह लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है। अब तो ऐसा लगता है कि मौत के फ्लाईओवर पर गरीब मजदूरों की बलि चढ़ाने की तैयारी की गयी है।
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मानक के अनुसार इतने ऊंचे फ्लाईओवर के निर्माण के समय मजदूरों के काम करने वाली जगह के नीचे जाली बांधनी चाहिए। फ्लाईओवर के बीम पर काम करने वाले मजदूरों के कमर पर रास्सी या अन्य चीज बांधनी चाहिए। यदि अंसतुलित होकर मजदूर फ्लाईओवर से गिरते भी हैं तो उन्हें नुकसान नहीं पहुंचेगा। हेलमेट ऐसा होना चाहिए कि दुर्भाग्यवश कोई मजदूर फ्लाईओवर से गिर भी जाता है तो उसका सिर सुरक्षित रहे, लेकिन मौत के फ्लाईओवर में मजदूरों की बलि लेने के लिए यह सुविधा नहीं दी जा रही है।
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