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वाराणसी में रहस्यमयी बुखार का कहर, जोड़ों में दे रहा दर्द, जांच के लिए पहुंची राज्य स्तरीय टीम

Varanasi News: बारिश के बाद संचारी रोगों का प्रकोप पूरे उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है। ऐसे में संचारी रोग निदेशक डॉ के एन तिवारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम वाराणसी पहुंची। यहां सरकारी अस्पतालों का जायजा लिया।

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Don't be afraid of fever be admitted to hospital only when platelets are 30 thousand

Varanasi News

Varanasi News: संचारी रोगों की रोकथाम के लिए योगी सरकार लगातार कार्य कर रही है। संचारी रोग जागरूकता अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। वहीं फीवर के केस बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। इसी क्रम में प्रदेश के संचारी रोग निदेशक डॉ के एन तिवारी, डॉ विकासेंदु अग्रवाल, राज्य सर्विलांस अधिकारी और पंकज गुप्ता फिजिशियन लोकबंधु चिकित्सालय लखनऊ वाराणसी पहुंचे हैं। अपने दो दिवसीय दौरे पर तीनों अधिकारियों ने शहर के पंडित दीन दयाल अस्पताल, रामनगर के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल और शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय कबीरचौरा का निरीक्षण कर एडमिट मरीजों से बात की। इसके निष्कर्ष पर संचारी रोग निदेशक ने कहा कि ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जिन्ह पता ही नहीं उन्हें हुआ क्या है। ज्यादातर ने अपनी बिमारी प्लेटलेट बताई है।

फीवर के बढे हैं बनारस में मरीज

इस सम्बन्ध में संचारी रोग सचिव डॉ के एन तिवारी ने बताया कि कई दिनों से बनारस में फीवर के मरीज बढ़ गए हैं। यह पूरे प्रदेश की स्थिति है। ऐसे में मेरे साथ दो अन्य लोगों की टीम ने वाराणसी के तीन बड़े सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया और यहां एडमिट मरीजों के ट्रीटमेंट के साथ ही साथ यह भी देखा गया कि जो लोग एडमिट हैं उन्हें किस तरह का फीवर है क्या उनमे डेंगू के लक्षण है या सिर्फ फीवर है।

डेंगू के मरीज कम, प्लेटलेट को बना दिया है बिमारी

संचारी रोग के निदेशक ने बताया कि हम लोगों को मरीजों से बातचीत में यह बात सामने आई कि डेंगू के मरीज काम और फीवर के मरीज अधिक है। उन्होंने बताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय में 250 बेड हैं। यहां इस समय फीवर के 176 रोगी यहां एडमिट है। इनमे से सिर्फ 12 लोगों में डेंगू मिला है बाकी लोगों में सिर्फ फीवर है। उन मरीजों से जब पूछा गया कि आप यहां क्यों एडमिट हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें प्लेटलेट हो गया है। यही हाल कमोबेश लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल रामनगर और श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय में भी है। क्रमशः दोनों अस्पतालों ने 8 और 13 रोगी एडमिट हैं। बाकी सभी बुखार के मरीज हैं जो नार्मल है और कुछ ही दिनों में ठीक होने वाला है।

30 हजार हो प्लेटलेट तो करें मरीज को एडमिट

वहीं जब संचारी रोग निदेशक से बताया गया कि वाराणसी के प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू के नाम पर जिस मरीज की 85 से 50 हजार प्लेटलेट है उससे भी एसडीपी मंगवाई जा रही और चढ़ाई जा रही है, तो उन्होंने बताया कि यह गलत है और इसपर हम प्रभावी रोक लगाने जा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने लोगों से अपील की कि वो अवेयर रहें। यदि उनकी प्लेटलेट 85 हजार से 50 हजार तक है तो वो घर पर रहकर परहेज करें उन्हें एडमिट होने की आवश्यकता नहीं है। जब मरीज की प्लेटलेट्स 30 हजार हो जाए तो उसे वॉच करने की आवश्यकता है और तब उसे एडमिट किया जा सकता है। ऐसे में निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मरीजों को छुट्टी दी जाए कुछ दिन और रहकर पूरी तरह ठीक होने के लिए एडमिट है जबकि उनमे डेंगू का लक्षण नहीं है।