
Double murder
वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में अपराध रोकने में सीएम योगी आदित्यनाथ की पुलिस फेल साबित हो रही है। बड़ी घटनाओं का खुलासा होना तो दूर की बात है। डबम मर्डर में नामजद आरोपियों को भी पुलिस पकड़ नहीं पा रही है और पुलिस को चकमा देकर आरोपी आराम से कोर्ट में सरेंडर कर रहे हैं। चेतगंज थाना क्षेत्र के काली महाल में २१ सितम्बर २०१९ को हुए डबल मर्डर के मुख्य तीन आरोपी ने शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रणविजय सिंह की अदालत में समर्पण कर दिया। कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर लेकर जेल भेज दिया है।
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काली महाल में सुबह सम्पत्ति विवाद में पिशाच मोचन में कर्मकांड गद्दी संचालक केके उपाध्याय व उनकी पत्नी ममता उपाधयाय की ताबड़तोड़ गोली मार कर हत्या कर दी थी। अपराधियों ने मृतक के बेटे सुमित की भी हत्या का प्रयास किया था लेकिन वह बच गया था और सुमित का आरोप था कि उसके चाचा राजेन्द्र उपाध्याय, चाची पूजा उपाध्याय व चचेरा भाई रजत उपाध्याय ने अपने सहयोगी के साथ घटना को अंजाम दिया था। सुमित खुद घटना का चश्मदीद गवाह है और उसी ने नामजद एफआईआर दर्ज करायी थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी आनंद कुलकर्णी भी मौके पर पहुंचे थे और जल्द आरोपियों का जल्द पकडऩे का आश्वासन दिया था। चेतगंज पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था लेकिन मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर थे। पुलिस ने आरोपियों को पकडऩे में सारी ताकत लगा दी थी लेकिन सफलता नहीं मिल पायी और आरोपियों ने आराम से कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस भले ही इसे भी अपनी सफलता मान रही है कि उसके दबाव में ही आरोपियों ने सरेंडर किया है लेकिन पुलिस द्वारा गिरफ्तारी नहीं कर पाने व हत्या में प्रयुक्त असलहा बरामद नहीं होने से केस पर असर पड़ सकता है।
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Published on:
04 Oct 2019 05:28 pm
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