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ज्ञानवापी की सुनवाई के दौरान वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट में भिड़े अधिवक्ता, हुई मारपीट

वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट में ज्ञानवापी की सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं में मारपीट हो गई। मूलवाद की सुनवाई के दौरान पक्षकार बनाने की जिरह के बीच दोनों वकील आपस में भिड़ गए। जिससे काफी देर तक न्यायालय का कार्य प्रभावित रहा।

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शुक्रवार को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक प्रशांत कुमार की कोर्ट में आदिविश्वेश्वर के वाद में शैलेंद्र पाठक और जैलेंद्र पाठक को पक्षकार बनाने की अर्जी पर सुनवाई चल रही थी। न्यायालय ने रिकाल प्रार्थनापत्र स्वीकार करते हुए पक्षकार बनाने की अर्जी पर दोनों पक्षों से अपनी अपनी दलील मांगी। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से पक्षकार बनाने की अर्जी पर आपत्ति दाखिल की गई। जिसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया। इसके बाद हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी और सुधीर त्रिपाठी ने केस के ३० सालों तक लिंगर आन होने पर सवाल उठाए। कहा कि नए पक्षकारों को शामिल कर केस को जल्द सुना जाए। इसपर विजय शंकर रस्तोगी ने विरोध जताते हुए निजि टिप्पणी कर दी और दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। देखते ही देखते अदालत में ही हाथापाई होने लगी। विजय शंकर रस्तोगी के बेटे सुनील रस्तोगी ने सुभाष नंदन पर हमला बोल दिया और मारते हुए कोर्ट के बाहर तक धकेल दिया। हालाकि बाद में वरिष्ठ अधिवक्ता भी वहां पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच वार्ता कराके सुलह समझौता कराया गया।


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