
Varanasi ट्रैफिक पुलिस ने यातायात सुविधा में सुधार का हवाला देते हुए ई-रिक्शा के परिचालन में नए नियम लाए हैं। इन नियमों के विरोध में शहर के ई-रिक्शा चालकों का गुस्सा फुट पड़ा है। लगभग 6 दिनों से अनशनरत चालकों ने बुधवार को नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की।
वाराणसी ट्रैफिक पुलिस ने शहर में जाम का हवाला देते हुए ई-रिक्शा परिचालन के नए नियम बनाये। नियमों में ये तय किया गया कि शहर में ई-रिक्शा का परिचालन QR कोड के तहत किया जाएगा और ये कोड शहर के सम्बंधित थाने पर से लगाया जाएगा। इसमें अलग-अलग थाने के लिए अलग-अलग रंग निर्धारित कर दिए गए। प्रशासन का कहना है कि इससे जाम की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
चालकों का कहना है कि महज दो किलोमीटर के क्षेत्र में रिक्शा चलाकर हम कितना कमा पाएंगे। हमारा घर कैसे चलेगा और EMI कैसे देंगे। अखिल भारतीय रिक्शा यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी ने कहा कि चालकों के मना करने पर भी यातायात पुलिस जबरन ई-रिक्शा को होमगार्ड और टीआई के जरिए ट्रैफिक कार्यालय ले जाकर बार कोड लगवाया जा रहा है।
ADCP ट्रैफिक राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि नई व्यवस्था से मॉनिटरिंग की जाएगी। जो रिक्शा जिस क्षेत्र का है उसी क्षेत्र में चलेगा। किसी अन्य क्षेत्र में उसकी इंट्री नहीं होगी। इससे जाम लगने की भी संभावना कम है।
चालकों को समाजवादी पार्टी (SP) का समर्थन मिला है। सपा के एमएलसी आशुतोष सिन्हा और पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने चालकों को समाजवादी पार्टी का समर्थन पत्र दिया है। सपा ने चालकों को आश्वस्त किया है कि यदि प्रशासन ने बात नहीं मानी तो अखिलेश यादव वाराणसी आएंगे और आन्दोलंन में शामिल होंगे।
Published on:
11 Sept 2024 07:15 pm
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