24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आखिरकार खारिज हो गया सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन, हुआ बड़ा खुलासा

निर्वाचन आयोग से लिखित रुप में पर्चा निरस्त होने की सूचना मिली, खुद ही बताया क्यो रद्द किया गया नामांकन

2 min read
Google source verification
Tej Bahadur Yadav

Tej Bahadur Yadav

वाराणसी. बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है। बुधवार को खुद तेज बहादुर यादव ने बताया कि निर्वाचन आयोग उनका नामांकन निरस्त कर दिया है। घंटों चले ड्रामा के बाद नामांकन को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गयी है। लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी संसदीय सीट पर नामांकन करने से लेकर पर्चा निरस्त होने तक संस्पेंस ही रहा था। ऐन समय पर तेज बहादुर यादव ने अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के तहत नामांकन किया था और काफी मंथन के बाद ही उनका नामांकन निरस्त किया गया है।
यह भी पढ़े:-तेज बहादुर यादव के नामांकन विवाद में आया नया मोड, वकील ने बीएसएफ से बर्खास्तगी पर किया यह खुलासा

कलेक्ट्रेट परिसर से बाहर आये तेज बहादुर यादव ने मीडिया को खुद बताया कि उनका नामांकन निरस्त हो गया है और निर्वाचन अधिकारी से लिखित रुप में इसकी जानकारी मिल गयी है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने जिन दस्तावेजों के लिए नोटिस दी थी वह मंगा लिए गये थे इसके बाद भी उनका नामांकन निरस्त किया गया है। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि दस्तावेज देने के लिए आपको सुबह ११ बजे का समय दिया गया था निर्धारित समय तक दस्तावेज नहीं मिलने के चलते ही नामांकन खारिज किया गया है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि यहां के जिलाधिकारी पर उपर का दबाव बहुत था इसलिए नामांकन निरस्त किया गया है। तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह अब कोर्ट जा सकते हैं। फिलहाल पार्टी जैसा कहती है उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी।
यह भी पढ़े:-चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव का किया नामांकन रद्द !

सपा व बसपा गठब्ंाधन से अब शालिनी यादव लड़ेंगी चुनाव
पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ तेज बहादुर यादव का पर्चा निरस्त हो जाने के बाद शालिनी यादव ही गठबंधन की प्रत्याशी हो सकती है। एक संभावना यह भी है कि तेज बहादुर यादव कोर्ट जाते हैं और चुनाव को लेकर उन्हें कुछ राहत मिलती है तभी समीरण बदल सकते हैं।
यह भी पढ़े:-तेज बहादुर यादव को मिली नोटिस में निर्वाचन अधिकारी की गलती हुई वायरल, 100 साल में देना पड़ता जवाब