नए संवत्सर के साथ शुरू होने वाले वासंतिक नवरात्र में माता के नौ गौरी स्वरूप का पूजन-अर्चन किया जाता है। इसके तहत प्रथम नवरात्र को मुख निर्मालिका गौरी, दूसर दिन ज्येष्ठा गौरी, तीसरे दिन सौभाग्य गौरी, चौथे दिन श्रृंगार गौरी, पांचवें दिन विशालाक्षी गौरी, छठें दिन ललिता गौरी, सातवें दिन भवानी गौरी, आठवें दिन मंगला गौरी और नौवें व अंतिम दिन महालक्ष्मी गौरी का पूजन अर्चन किया जाता है।