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Green Chilli: दुनिया के 40 देशों में है पूर्वांचल की हरी मिर्च की डिमांड, इस बार उम्मीदों पर फिरा पानी

Green Chilli Export- ब्रिटेन, सऊदी अरब, ओमान, मस्कट, कतर सहित दुनिया के 40 देशों में है हरी मिर्च की डिमांड

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green chilli exports will be affected due to up flood

Green Chilli: दुनिया के 40 देशों में है पूर्वांचल की हरी मिर्च की डिमांड, इस बार उम्मीदों पर फिरा पानी

वाराणसी. Green Chilli Export in UP- दुनिया के 40 देशों में पूर्वांचल की हरी मिर्च की मांग है। खासकर ब्रिटेन, सऊदी अरब, ओमान, मस्कट और कतर जैसे देशों को यहां से हर साल सैकड़ों कुंतल मिर्ची भेजी जाती है। कोरोना महामारी के बावजूद बीते वर्ष वाराणसी और आसपास के जिलों से सौ टन मिर्च निर्यात हुई थी, जबकि 2020 में इन देशों से करीब 350 टन हरी मिर्च का ऑर्डर मिला था। लेकिन, इस बार विदेशियों को 'मिर्ची' नहीं लग पाएगी। इसकी वजह बाढ़ का कहर है, जिसने सैकड़ों एकड़ जमीन पर खड़ी मिर्च की नर्सरी को बर्बाद कर दिया है।

गंगा नदी में आई बाढ़ की वजह से बनारस, गाजीपुर, मिर्जापुर और चंदौली जिलों में करीब 5 सौ एकड़ भूमि पर लगी मिर्च की नर्सरी बाढ़ में गल गल है। आमतौर पर अक्टूबर तक हरी मिर्च बिक्री के लिए तैयार हो जाती है, लेकिन इस बार मिर्ची के किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। बाढ़ के पानी ने केवल मिर्च की नर्सरी बर्बाद की है, नुकसान से किसानों के चेहरे भी सुर्ख हो गये हैं। मिर्च किसानों का कहना है कि एक बीघे में हरी मिर्च की नर्सरी लगाने पर 10 हजार रुपए का खर्च आता है। अब उनके लिए दोबारा मिर्च की नर्सरी लगा पाना आसान नहीं होगा। हालांकि, कुछ किसान दोबारा भी मिर्च की नर्सरी भी लगा रहे हैं।

मिर्च के निर्यात पर पड़ेगा असर
फार्मर प्रोड्यूसर अर्बनाइजेशन (एफपीओ) शार्दुल विक्रम ने बताया कि बीते वर्ष वाराणसी और आसपास के जिलों से 2.16 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सौ टन मिर्च निर्यात हुई थी। वहीं, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के क्षेत्रीय निदेशक सीबी सिंह का भी मानना है कि इस बार बाढ़ के चलते मिर्च के निर्यात पर असर पड़ेगा।

वाराणसी एयरपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय कार्गो सेवा
वाराणसी के लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित कार्गो टर्मिनल से अंतरराष्ट्रीय कार्गो सेवा उपलब्ध है। इसके जरिए किसानों की हरी सब्जी सीधे विदेशों को भेजी जाती है। इसके अलावा यहां पर पांच टन क्षमता का कोल्ड चैम्बर भी बनाया गया है जिसका उद्घाटन दिसंबर 2020 में किया गया था। यहां चैंबर बन जाने से हरी सब्जियों, फूलों और फलों को बिना खराब हुए विदेश भेजा जा रहा है।

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