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ज्ञानवापी प्रकरणः महंत डॉ कुलपति तिवारी करेंगे शिव कारसेवा, रोजाना नाव से निकलेगी संतों-महंतों की टोली, ललिता घाट पर होगा मानसिक पूजन

ज्ञानवापी परिसर, आदि विश्वेश्वर का परिसर है। ये है असली विश्वनाथ धाम। ऐसे में बाबा के धाम को मुक्त कराने के लिए अब श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत, काशी के संतों-महंतों संग करेंगे शिव कारसेवा। इसके तहत संतों-महंतों की टोली रोजाना नाव से निकलेगी और ललिता घाट से मानसिक पूजन होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी ने रविवार की शाम पत्रिका को ये जानकारी दी।

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काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी

वाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर है ज्ञानवापी परिसर। इसकी मुक्ति के लिए अब काशी में संत-महंत शिव कारसेवा शुरू करेंगे। इसकी शुरूआत 15 जून के बाद होगी। पत्रिका संग खास बातचीत में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी ने ये जानकारी दी।

अस्सी से आदिकेशव घाट तक जाएगी संतों-महंतों की टोली

उन्होंने बताया कि 15 जून के बाद काशी के संतों-महंतों की टोली रोजना नाव से अस्सी से आदि केशव घाट तक निकलेगी। इस दौरान रास्ते भर हर-हर महादेव का उद्घोष होगा। शिव स्तुति का सश्वर पाठ किया जाएगा। इसका उद्देश्य काशी की धर्मप्राण जनता को जागरूक करना है। उन्हें श्री काशी विश्वनाथ परिसर के बारे में बताना है। ज्ञानवापी परिसर के बारे में विस्तार से जानकारी देनी है।

ललिता घाट पर होगा मानसिक पूजन
महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बताया कि शिव कारसेवा के तहत रोजाना ललिता घाट से ही आदि विश्वेश्वर का ध्यान कर उनका सविधि पूजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूजा तो मानसिक ही होती है। लिहाजा मानसिक पूजन किया जाएगा। बताया कि शिव और गंगा एक हैं। ऐसे में ललिता घाट पर ही गंगा जल लेकर अभिषेक भी किया जाएगा। इससे न्यायिक कार्य में किसी तरह का व्यवधान भी नहीं होगा। न्यायालय जब सकारात्मक फैसला सुनाएगा तो विधिवत पूजन-अभिषेक भी होगा।

काशीवासियों को किया आमंत्रित

उन्होंने कहा कि शिव कारसेवा के लिए हर काशीवासी का स्वागत है। ये उनकी नगरी है, वो बाबा के भक्त हैं। ऐसे में वो चाहें तो संतों-महंतों की टोली संग नाव से आ सकते हैं या जहां से जैसे सुविधा मिले वो मानसिक पूजन के लिए आ सकते हैं।

कोलकाता से लौट कर शुरू करूंगा शिव कारसेवा

डॉ. तिवारी ने बताया कि अभी बहन के तिरोधान होने के कारण कोलकाता जा रहा हूं। वहां से लौट कर शुरू करेंगे शिव कारसेवा।

किसी कीमत पर नहीं होगी अदालत की अवहेलना

उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर का मामला अदालत में विचाराधीन है। मैने भी अर्जी लगाई है बाबा आदि विश्वेश्वर के नियमति पूजन, आरती भोग के लिए। लेकिन मेरे स्तर से अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं होगी। मेरा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जो शिवलिंग शदाब्दियों बाद सामने आया है उसका राग-भोग, पूजा-शृंगार अविलंब आरंभ होना चाहिए। इसी उद्देश्य से शिव कारसेवा को जलमार्ग से निकालने का निर्णय किया है।