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Gyanvapi Shringar Gauri Survey Case : ज्ञानवापी पर कड़ा फैसला देने वाले जज ने कहा, डर का माहौल मां को सुरक्षा की चिंता

locationवाराणसीPublished: May 13, 2022 05:49:09 pm

Varanasi Civil Judge Ravi Kumar Diwakar Said ज्ञानवापी मस्जिद – श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद को लेकर डर की एक आशंका फैल गई है। इस का असर इस विवाद की सुनवाई करने वाले वाराणसी सिविल कोर्ट सीनियर डिवीज़न जज रवि कुमार दिवाकर के फैसले में देखा गया। जज साहब ने अपने फैसले में खुद और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की।

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ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद को लेकर डर की एक आशंका फैल गई है। इस का असर इस विवाद की सुनवाई करने वाले वाराणसी सिविल कोर्ट सीनियर डिवीज़न जज रवि कुमार दिवाकर के फैसले में देखा गया। जज साहब ने अपने फैसले में खुद और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। जज साहब ने कहाकि, सर्वे के फैसले की वजह से मुझे अपने परिवार और परिवार को मेरी सुरक्षा की चिंता बनी हुई है। उधर वाराणसी सिविल कोर्ट के सख्त फैसले के खिलाफ प्रतिवादी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पर सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया।
सभी सुरक्षा के घेरे में

जज रवि दिवाकर ने अपने आदेश में लिखा है कि, घर से बाहर होने पर पत्नी मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है। 11 मई को मां ने मेरी सुरक्षा पर चिंता जाहिर की। शायद उन्हें पता चला था कि मैं कमिश्नर के रुप में ज्ञानवापी जा रहा हूं। मां ने मना किया कहाकि, वहां मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। सर्वे मामले से जुड़े सभी पक्षकारों, अधिवक्ताओं, वादी पक्ष की सभी महिलाओं को सुरक्षा दी गई है। प्रतिवादी पक्ष के लोगों की सुरक्षा पर पैनी नजर बना रखी है।
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कोर्ट का आदेश

आदेश में कहा कि, ज्ञानवापी मस्जिद के चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी होगी। चाहे ताला खुलवाना पड़े या तुड़वाना पड़े। सर्वे में वादी, प्रतिवादी, एडवोकेट, एडवोकेट कमिश्नर, उनके सहायक व सर्वे से संबंधित और कोई नहीं होगा। सर्वे की जिम्मेदारी डीएम और पुलिस कमिश्नर की होगी। सर्वे की रिपोर्ट 17 मई को तलब होगी।
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सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

ज्ञानवापी पर आए फैसले के खिलाफ अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट में सर्वे पर रोक लगाने की मांग की। इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना ने कहा है कि, वे मामले को देखेंगे। प्रतिवादी के सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहाकि, हमें तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है। वाराणसी की निचली अदालत के फैसले पर तत्काल रोक लगाई जाए। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कहाकि, अभी हमने पेपर नहीं देखा है। बिना पेपर देखे कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।
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