वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पहली बार आए दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने दलित आरक्षण बिल पर कहा कि, पहले दलितों को चांटा मारना फिर उन्हें मरहम लगाना यही है इस बीजेपी सरकार के आरक्षण बिल का मकसद। उन्होंने कहा कि दलित, महादलित, पिछड़े, अति पिछड़े और आदिवासी में से एक वोट बीजेपी को नहीं जाने वाला 2019 के लोकसभा चुनाव में।
चंद्रशेखर रावण से देश को खतरा?
मीडिया से मुखातिब जिग्नेश ने कहा कि देश भर में दलितों और आदिवासयों पर जिस तरह से पिछले साढ़े चार साल से जुल्म ढा रही है यह सरकार, अब चुनाव आ रहा है तो आरक्षण बिल का लॉलीपॉप दे कर उन्हें बरगलाना चाहती है। पहले इन पर गोलियां चलवाती है, लाठियों से पिटवाती है, फिर उन पर मरहम लगाने का नाटक, यह ड्रामा सबको समझ में आ रहा है। अब चंद्रशेखर रावण से देश को खतरा हो गया है। वह आदमी जो बच्चों को शिक्षा के लिए काम कर रहा है उससे देश को खतरा बता कर डेढ साल से जेल में डाल रखा है। उनकी चाल यहां सफल नहीं होने वाली है। एक वोट नहीं मिलने वाला इन्हें। दलित, आदिवासी और अति पिछड़े भी अब जागरूक हो गए है। वो जान गए है कि कौन उन पर लाठियां बरसा रहा, कौन उन पर गोलियां चलवा रहा। कौन उनके रोजगार छीन रहा। बीजेपी का जाना तय है।
रोजगार देने की मंशा ही नहीं।
25 लाख पद हैं रिक्त, दें रोजगार
उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी जी ने देश भर में घूम-घूम कर कहा था कि हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। इस तरह इन साढ़े चार सालों में नौ करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए था। लेकिन उसके एक प्रतिशत भी नहीं मिला। अरे इनकी मंशा ही नहीं है रोजगार देने की। अगर ऐसा होता तो फिलवक्त देश में 25 लाख रिक्तियां हैं, प्राथमिक शिक्षा विभाग में, रेलवे में पुलिस में। अगर मंशा होती रोजगार देने की तो इन रिक्त पदों को भरते। अब भी वक्त है निकाल दें वेकेंसी।
साढ़े चार साल की उपलब्धि, बनारस तीसरे नंबर का प्रदूषित शहर
उऩ्होंने कहा कि आलम यह है कि प्रदूषण के मामले में पूरी दुनिया का जो आंकड़ा पेश आया है उसमें 17 शहर भारत के हैं जिसमें उनका संसदीय क्षेत्र वाराणसी तीसरे नंबर पर है। ये नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है। उस शहर का ये हाल। स्वच्छता अभियान चलाया क्या हुआ उसका हश्र। ये कुछ भी नहीं करना चाहते। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि गुजरात की साबरमती नदी आज देश की सबसे प्रदूषित नदी है। ये वही नदी है जिसका गुणगान 2014 में खुद मोदी जी ने किया था।
जिस विकास का मॉडल दिखाया वही फेल
कहा कि मोदी जी ने जिस गुजरात मॉडल, विकास मॉडल की चर्चा की थी 2014 में वह सब फेल हो गया है। गुजरात में लोग बेहाल हैं। अरे किसी को एक लाख 10 हजार करोड़ की लागत वाली बुलेट ट्रेन नहीं दो वक्त की रोटी चाहिए। लेकिन हालत यह है कि रोजाना देश में साढ़े चार हजार बच्चे कुपोषण व विभिन्न बीमारियों से मर रहे हैं। यह मै नहीं मोदी सरकार का आंकड़ा है। हर तबका बेहाल है। इसी बनारस के किसानों का जो मूड मैने देखा है वह बताता है कि इस बार के चुनाव में वो सबक सिखाने को तैयार हैं।
जो किसान आत्महत्या कर रहे वो दिखाई नहीं दे रहा
आपको देश ने प्रधानमंत्री इसलिए बनाया था कि आप देश से भुखमरी दूर करेंगे, भ्रष्टाचार मुक्त करेंगे, महंगाई दूर करेंगे पर क्या हुआ। यह पूछने पर कि वो तो कहते हैं हमारे कार्यकाल में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया, तो जवाब दिया राफेल सौदा किसने किया? कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं पर उनके कर्ज माफ करने की कोशिश तो नहीं होती उल्टे पांच लाख 29 हजार करोड़ रुपये पूंजीपतियों के माफ कर दिए। ये सब जान गई है जनता।
राजस्थान, मध्य प्रदेश में हारने जा रही भाजपा
जिग्नेश ने कहा कि देश के जो हालात हैं उसमें अगले चुनाव में भाजपा हारने जा रही है। यह पूछने पर कि यह सूरत तो 2015 से है फिर क्यों एक के बाद एक स्टेट में वो जीत रहे हैं। जवाब था कि गुजरात में जो उन्होंने कहा वह नहीं हुआ, कर्नाटक में उन्हें सबक मिला, अब राजस्थान और मध्यप्रदेश हारना तय हैै भाजपा का।