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गूगल से पढ़ कर कोई रचनाकार नहीं हो सकता

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के वीसी ने पत्रकारिता संस्थान में किया छह दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन, जानिए क्या है कहानी

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Pandit Madan Mohan Malviya Hindi Journalism Institute

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वाराणसी. गूगल से पढ़ कर कोई रचनाकार नहीं हो सकता है। रचनाकार बनने के लिए पुस्तकों का अध्ययन करना पड़ेगा। विद्यार्थियों को पुस्तक पढऩे की आदत डालनी चाहिए। ऐसा करके वह अपने ज्ञान के भंडार को समृद्ध कर सकते हैं। यह बात महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के वीसी प्रो.टीएन सिंह ने परिसर स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान में छह दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए सोमवार को कही।
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उन्होंने कहा कि पुस्तकों से लोगों की दूरी चिंता का सबब है। पुस्तक आज भी हमारी सबसे अच्छी साथी है। वर्तमान में पुस्तक प्रकाशक खुद पाठकों के पास पहुंच रहे हैं, जिसका सभी को लाभ उठाना चाहिए। वीसी प्रो.टीएन सिंह ने कहा कि लेखक, लेखक होता है। समाज या जाति के आधार पर वर्गीकरण लेखक के व्यक्तित्व पर प्रश्र खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार अध्ययन करना चाहिए। उन्हें हमेशा ही पढऩे का अवसर खोजना चाहिए। हमारे देश में अवसर की कमी नहीं है। पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो.ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि संस्थान में पुस्तक प्रदर्शनी की परम्परा बहुत पुरानी है। पत्रकारिता संस्थान में यह १८ वीं पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। पुस्तक से मित्रता करने से समाज में ज्ञान का प्रवाह होता है। अतिथियों का स्वागत अंजनि कुमार मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन प्रो.श्रद्धानंद ने किया। इस अवसर पर प्रो.सुरेन्द्र प्रताप सिंह, प्रो.शिव कुमार मिश्र, प्रो.निरंजन सहाय, प्रो.अनुराग, डा.सुमन ओझा, डा.नलिनी श्याम कामिल, चन्द्रशील पांडेय आदि लोग उपस्थित थे।
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