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केश लाल बने संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने सहायक कुलसचिव (सम्बद्धता,शैक्षिक) केश लाल को विश्वविद्यालय का कुलसचिव मनोनीत किय है। ऐसा गत दिनों सैलैश शुक्ल के निलंबन के बाद किया गया है। शासन ने शुक्ल को हाल ही में निलंबित कर दिया है।

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केश लाल, संस्कृत विवि के कुलसचिव मनोनीत

केश लाल, संस्कृत विवि के कुलसचिव मनोनीत

वाराणसी. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने केश लाल को कुलसचिव मनोनीत किया है। केश लाल फिलहाल सहायक कुलसचिव (सम्बद्धता,शैक्षिक) पद पर कार्यरत रहे। बता दें कि शासन ने हाल ही में विश्वविद्याय के कुलसचिव नियुक्त हुए शैलेश शुक्ला को निलंबित कर दिया है। ऐसे में यह पद रिक्त चल रहा था जिससे कार्यालयी कार्य प्रभावित हो रहे थे। ऐसे में कुलपति ने केश लाल को ये जिम्मेदारी सौंप दी है।

उत्तर प्रदेश शासन ने निलंबित कुलसिचव को निदेशालय से किया है संबद्ध

बता दें कि उत्तर प्रदेश शासन, उच्च शिक्षा अनुभाग ने गत 06 जुलाई को शैलेश कुमार शुक्ला कुलसचिव,संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी को तात्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में शैलेश कुमार को कार्यालय, निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज से संबद्ध कर दिया गया है।

प्रो हरिशंकर पांडेय बने संस्कृत विवि के ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण अध्ययन केंद्न के मुख्य समन्वयक

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण अध्ययन केंद्न स्थापित होने पर उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग के निर्देश पर पाठ्यक्रम के लिए छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष व प्राकृत जैनागम विभाग के आचार्य प्रो हरिशंकर पांडेय को मुख्य समन्वयक नियुक्त किया है।

ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण अध्ययन केन्द्र के मुख्यसमन्वयक प्रो हरिशंकर पान्डेय ने जनसंपर्क अधिकारी के माध्यम से वाराणसी के सम्मानित मिडिया को बताया कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा निति के माध्यम से संस्कृत को आमजनमानस की भाषा बनाने के लिये ही निःशुल्क ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण अध्ययन केंद्न की स्थापना इस संस्था में की गई है। इससे अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर संस्कृत और शास्त्रों का ज्ञान राशि का प्रसार बढ़ेगा।

मुख्य समन्वयक प्रो पांडेय ने बताया कि ये ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा सम्प्रेरित एवं सम्पोषित है। इससे संस्कृत और भारतीय संस्कृति का विकास उत्तरोत्तर होगा तथा जनमानस भी सम्प्रेरित होगा। भारतीय ज्ञान विज्ञान एवं वैदिक तथा अन्य संस्कृत साहित्य में जो गूढ विद्यायें छिपी हैं इससे जनमानस लाभान्वित होगा।

उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी के अनवरत संस्कृत के प्रति सद्भाव और प्रसार के दृष्टि का परिणाम व प्रयास है कि ऐसे पाठ्यक्रमों से सीधे तौर पर हर इच्छुक विद्यार्थी घर बैठे इससे लाभ प्राप्त करेगा तथा इस माध्यम से संस्कृत में निहित ज्ञान विज्ञान-वैदिक गणित ,ज्योतिष,वास्तुशास्त्र,कर्मकाण्ड, संस्कार निर्माण प्रक्रिया, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, आयुर्वेद, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र, धर्म शास्त्र, निति शास्त्र एवं धनुर्विद्या आदि का वृहद् स्तर पर प्रचार प्रसार होने के साथ ही जन जीवन लाभान्वित होगा।