
आईआईटी बीएचयू का पहला प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल पाने वाले राम पाल
वाराणसी. आईआईटी बीएचयू के सातवें दीक्षांत समारोह में पहली बार प्रेसीडेंट्स स्वर्ण पदक रामपाल सिंह को दिया जा रहा है। इनका जन्म 05 जनवरी 1997 को जिला बलिया, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इन्होंने 2014 में मेटलर्जिकल इंजीनियिरंग में बीटेक में प्रवेश लिया था। बाद में इन्होंने इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक परिवर्तित करा लिया। इन्होंने बीटेक में 9.80 सीपीआई प्राप्त किया। इन्हें 20 पाठ्यक्रमों में सबसे उच्च ग्रेड ’ए’ दिया गया है। साथ ही चार वर्ष के प्रोग्राम के दौरान 16 पाठ्यक्रमों में 16 ’ए’ मिला है।
चार वर्ष के प्रोग्राम में इन्होंने बहुत से महत्वपूर्ण विषयों की परियोजनाओं पर सफलतापूर्वक कार्य किया। मसलन इमेज कोडिंग, शार्ट चैनल, मासफेट आदि प्रमुख है। रामपाल शैक्षणिक गतिविधियों के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इन्होंने ताइक्वांडो में भी कई पदक जीते हैं। छात्र जीवन के दौरान इन्होंने कई सामाजिक कार्यों में अपनी सहभागिता की है। संस्थान में बीटेक स्तर पर शैक्षणिक क्षेत्र में संपूर्ण उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र रामपाल सिंह को प्रेसीडेंट्स स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा रहा है।
बलिया जिले के नगरा क्षेत्र के लहसनी ग्राम निवासी राम पाल के पिता डॉ रामाशीष सिंह वेटनरी विभाग में कार्यरत है जबकि मां सुधा सिंह गृहणी हैं। रामपाल फिलहाल संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सी डॉट (सेंटर फॉर डेवलपमेट ऑफ टेलीमेडिसिन) में रिसर्च इंजीनियर पद पर कार्यरत हैं। बता दें कि उनके भाई को भी बीएचयू से गोल्ड मेडल मिल चुका है।
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Published on:
27 Dec 2018 07:23 pm
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