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पटना, बिहार की निवासी राज लक्ष्मी ने 2015 में चार वर्षीय बीटेक सिरामिक अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। उसके बाद पहले वर्ष बीटेक सिरामिक अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम में प्रथम स्थान हासिल किया। फिर चार वर्षीय बीटेक संगणक विज्ञान व अभियांत्रिकी में अनुशासन में बदलाव किया। इन्होंने बीटेक 9.66 सीपीआई के साथ पूरा किया। चार वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रम में पढाई के दौरान उन्होंने 11 विषयों में ए+ (उच्चतम ग्रेड) व 25 विषयो में ए ग्रेड हासिल किया।

ये भी पढें-IIT BHU Centenary Convocation: मिले मेडल तो खुशियों को लगे पंख अपने चार वर्षीय पाठ्यक्रम में इन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर विजन स्ट्रीम पर स्ट्रीम परियोजना के तहत सफलता पूर्वक कार्य किया। परियोजना स्ट्रीमिंग डेटा के लिए मशीन लर्निंग एल्गोरिदम को संशोधित करने पर आधारित थी, जहां समय को विचारों के साथ जोड़ने की अवधारणा बनती है।
ये भी पढें-IIT BHU Centenary Convocation: मानव संसाधन मंत्री निशंख ने 3 घंटे खड़े रह कर 1282 छात्रों को बांटीं उपाधियां श्रुति ने तीन इंटर्नशिप भी किया है। उन्होंने पत्रिका को बताया कि इंटर्नशिप से बहुत कुछ सीखने को मिला। बताया कि दूसरे साल में पहला इंटर्नशिप एनएक्सपी सेमी कंडक्टर्स में लापता बच्चों के चेहरे की पहचान करना था। यह एक एकल गहरे तंत्रिका नेटवर्क को नियोजित करने पर आधारित थी। फिर तीसरे साल में टीसीएस इनोवेशन लैब्स, गुड़गांव (आर एंड डी) में डोमेन-विशिष्ट भावना के आधार पर ग्राहकों की शिकायतों के बारे में चैटबॉट के डॉयलॉग से संबंधित विश्लेषण का काम किया। तीसरा गोल्डमैन सैकस इंडिया में कुछ वित्तीय साधनों से जुड़े जोखिमों के गणितीय मॉडलिंग पर आधारित था। फिलहाल इसी कंपनी में काम भी कर रही हूं।