
Mulayam Singh Yadav and mayawati
वाराणसी. यूपी में सपा व बसपा की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश में सपा व बसपा के कार्यकर्ता व नेता एक-दूसरे पर हमला बोल कर ही यूपी की सत्ता हासिल करते थे। वर्ष 2007 में मुलायम सिंह की सरकार के हटाने के लिए बसपा सुप्रीमो ने नारा दिया था उन्होंने कहा कि चढ़ गुंडों की छाती पर बटन दबाओ हाथी पर। इस नारे का इतना असर हुआ था कि यूपी में पूर्ण बहुमत के साथ बसपा सरकार बनी थी अब बसपा सुप्रीमो मायावती ही फूलपुर व गोरखपुर संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में अपने वोटरों को सपा के पक्ष में मतदान करने क अपील कर रही है।
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सपा व बसपा के शीर्ष नेताओं में जो जंग चलती थी उसका असर कार्यकर्ता से लेकर प्रशासन तक पर दिखता था। सपा व बसपा सरकार के समय खास अधिकारियों की तैनाती होती थी। दूसरी सरकार आती थी तो बसपा के अधिकारियों को हटा देती थी। यही काम बसपा अपने सरकार में करती थी। सपा व बसपा की लड़ाई इतनी गहरी हो चुकी थी कि दोनों पार्टियों के कैडर वोटर एक-दूसरे के पार्टी के जाति के नेता तक को नहीं वोट देते थे। बसपा के दलित वोटरों ने यादव नेताओं से दूरी बनायी थी जबकि यादव वोटरों ने भी दलित नेताओं का साथ नहीं दिया था। यूपी के दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव ने सारे समीकरण को बदल दिया है। अब दोनों पार्टी के कैडर वोटरों को एक साथ मिल कर मतदान करना होगा।
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यूपी में अपराधी थे बेलगाम, तब मायावती ने दिया था नारा
यूपी में वर्ष 2007 में मुलायम सिंह की सरकार के समय अपराधी बेलगाम हो गये थे। अपराधियों से प्रदेश की जनता परेशान हो गयी थी। बसपा सुप्रीमो ने जनता के इसी दर्द को चुनावी हथियार बनाया और सार्वजनिक मंच से नारा दिया था कि चढ़ गुंडों की छाती पर बटन दबाओं हाथी पर। इस नारे के चलते सत्ता में वापसी के सपने देख रहे मुलायम सिंह यादव को तगड़ा झटका लगा था और चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इस नारे का इतना असर हुआ था कि जब बसपा में बाहुबलियों की इंट्री होने लगी थी तो सपा ने नारा दिया था कि गुंडे चढ़ गये हाथी पर और बटन दबाओ हाथी पर।
सपा व कांग्रेस का गठबंधन हुआ था फेल, अब बसपा व सपा पर लगी निगाहे
यूपी चुनाव से पहले सपा व कांग्रेस ने गठबंधन किया था यह गठबंधन दोनों ही नेता के साथ हुआ था और कार्यकर्ताओं में गठबंधन को लेकर नाराजगी हो गयी थी जिसके चलते दोनों ही दलों को बड़ा वोट बैंक एक-दूसरे में शिप्ट नहीं हुआ था अब यही चुनौती व सपा व बसपा के सामने आ गयी है। पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर में सीएम योगी आदित्यनाथ ताबड़तोड़ चुनावी सभा कर रहे हैं यदि सपा व बसपा के छोटे कार्यकर्ताओं में गठबंधन को लेकर नाराजगी हो जाती है तो दोनों ही दलों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
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Published on:
05 Mar 2018 06:14 pm
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