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पुलवामा अटैक: शहीदों के सम्‍मान में नागा साधुओं ने बिना बैंड बाजे के निकली पेशवाई

प्रयाग के कुंभ में कल्पवास करने वाले साधु-संत वाराणसी पहले से ही पहुंच चुके थें।

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Peshwai

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वाराणसी. पुलवामा में शहीद सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद नागा साधुओं ने पहली बार बिना बैंड बाजे के वाराणसी में 27 फरवरी को जूना अखाड़े से पेशवाई निकाली। नागा साधुओं ने बुधवार को 11 बजे बैजनत्था से हाथी घोड़े पर सवार होकर पंचदशनाम जूना अखाड़े की पेशवाई निकली। इस दौरान पूरे मार्ग में संतों-महात्माओं की टोली शामिल रही। यात्रा को लेकर पुलिस ने मार्ग को पहले से ही व्यवस्थित करा दिया था। प्रयाग के कुंभ में कल्पवास करने वाले साधु-संत वाराणसी पहले से ही पहुंच चुके थें।


बता दें कि यात्रा में बैंड बाजा छोड़कर हाथी, घोड़ा, रथ आदि शामिल रहें। यह पेशवाई बैजनत्था कमच्छा होते हुए हनुमान घाट के लिए रवाना हुई। इस दौरान करीब दो हजार से अधिक साधु-संतों ने पेशवाई में हिस्सा लिया। पेशवाई के दौरान नागा साधुओं ने अपने करतब भी पेश किए। इसके पहले बुधवार सुबह जूना अखाड़े में साधु संतों को घी, खिचड़ी का भोज कराया गया। इसके बाद सभी संत पारंपरिक वेश भूषा पहन कर पेशवाई में शामिल हुए। पेशवाई का नेतृत्व जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज कर रहे हैं। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस पेशवाई के साथ-साथ चल रही थी।


दरअसल, अखाड़े की आंतरिक कैबिनेट के‍ निर्णय के अनुसार आतंकी घटना में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के शोक में इस बार पेशवाई शांतिपूर्ण निकाली गई। पेशवाई जुलूस में हाथी, घोड़ा पालकी तो होगी, लेकिन बैंड बाजे की गूंज नहीं थी। इसमें एक हजार से ज्‍यादा नागा साधु शामिल थे।