वादी ने पेश किया हाईकोर्ट का उद्धरण जिला जज एके विश्वेश की अदालत में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान वादी पक्ष के वकील शिवम गौड़ ने हाईकोर्ट का उद्धरण पेश करते हुए ज्ञानवापी परिसर स्थित मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ उपासनास्थल अधिनियम-1991 के तहत कार्रवाई की मांग की। वादी की ओर से वकील शिवम गौड़ के अलावा अनुपम द्विवेदी, मान बहादुर ने भी दलील पेश की।
स्पेशल सीजेएम की अदालत खारिज कर चुकी है याचिका बता दें कि विश्व वैदिक सनातन संस्था के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने स्पेशल सीजेएम सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत 30 मई को आवेदन पत्र दिया था। बिसेन के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने अदालत में कहा था कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के लोगों ने ज्ञानवापी स्थित काशी विश्वेश्वर के मंदिर की मूल संरचना और उसके धार्मिक चरित्र को बदलने का प्रयास किया है। लिहाजा, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमटी के संयुक्त सचिव एमएस यासीन के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। अदालत ने मुकदमे को सुनवाई के योग्य न पाते हुए जितेंद्र सिंह विसेन का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एमएस यासीन पर आरोप है कि उन्होंने मस्जिद की दीवारों पर बने हिंदू धर्म से संबंधित चिह्नों को छिपाने और मिटाने का काम किया। याचिका में एसएम यासीन के विरुद्ध आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच कराने की मांग की गई है।
14 जून को दाखिल की गई थी याचिका स्पेशल सीजेएम सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत से केस खारिज होने के बाद 14 जून को जिला जज की अदालत में 156-3 के आवेदन के खिलाफ निगरानी याचिका दाखिल की गई। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के अवकाश पर रहने के कारण प्रकरण को प्रभारी जिला जज अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय रोहित सिंह की कोर्ट में पेश किया गया। अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी, विशाल गौड़ और सुभाष नंदन चतुर्वेदी का पक्ष जानने के बाद अदालत ने कहा था कि निगरानी याचिका पर सुनवाई जिला जज की अदालत में ही होगी। इसके साथ ही अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 23 जून तय कर दी थी। अब इस प्रकरण पर जिला जज की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हो चुकी है। अब आज शुक्रवार को अदालत अपना फैसला सुना सकती है।