
Water Transport
वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश में पहली बार जिस योजना की शुरूआत बनारस से की थी। बजट 2019-20 में उसे बड़ी सौगात मिली है। योजना तो आरंभ हो गयी है लेकिन पूरी नहीं होने से इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2019-20 में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर बड़ा ध्यान दिया है और 2020 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की बात कही है।
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने बनारस से ही जलपरिवहन की शुरूआत की थी। जल परिवहन के लिए चार टर्मिनल बनने थे जिसमे से एक टर्मिनल बनारस के रामनगर में बन गया था जिसका पीएम नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया था। इसके बाद वाराणसी से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक मालवाहक जहाज रवाना हुए थे। गंगा में जब पानी ठीक था तो जलपरिहवन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई थी लेकिन पानी कम होते ही जलपरिवहन पर ब्रेक लगा हुआ है। विश्व बैंक के सहयोग से शुरू किये गये जलपरिवहन को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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वाराणसी से हल्दिया तक 1390 किलोमीटर तक होगा जलपरिवहन
योजना के प्रथम चरण में वाराणसी से हल्दिया तक 1390 किलोमीटर तक जलपरिवहन हो रहा है। इस योजना पर 4200 करोड़ की लागत आयी है। केन्द्र सरकार योजना के दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल तक जलपरिवन करना चाहती है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद कहा था कि एक बार जलपरिवन नियमित रुप से शुरू हो जायेगा तो लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। पर्यटक भी जलमार्ग से पश्चिम बंगाल तक जा सकेंगे। वाराणसी से प्रयागराज तक सी प्लेन भी उड़ाने की तैयारी है।
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Published on:
05 Jul 2019 06:43 pm
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