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बनारस के इस डाक घर में सात करोड़ तक पहुंची घोटाले की राशि

कैंट पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच के बाद बढ़ सकती है घोटाले की धनराशि

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head post office in Varanasi

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वाराणसी. बनारस में प्रधान डाक घर में हुए घोटाले की राशि सात करोड़ तक जा पहुंची है। कैंट पुलिस ने चार डाक कर्मचारी व एक-एक एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच तेज कर दी है। संभावना है कि जांच पूरी होने के बाद घोटाले की धनराशि बढ़ सकती है। डाक घर में जिन लोगों के पैसे उड़ाये गये हैं वह अपनी धनराशि को लेकर बेहद परेशान है।
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बनारसमें पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर कक्ष में गोली मार कर सुसाइड करने वाले ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव का प्रकरण अभी सुलझा नहीं था कि प्रधान डाक घर में सात करोड़ का घोटाला सामने आ गया है। डाक विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से 325 लोगों को लगभग सात करोड़ रुपये फर्जी ढंग से निकालने की बात सामने आ चुकी है। डाक विभाग को जब घोटाले की जानकारी मिली थी तो उसी समय जांच शुरू करके कुछ कर्मचारी को निलंबित किया गया था। विभाग की ११ सदस्यीय कमेटी ने डाक सुपरवाइजर रमाशंकर लाल, राजेश कुमार, डाक सहायक सुनील यादव व विनय यादव, एजेंट प्रदीप कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कैंट पुलिस को तहरीर दी थी जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल प्रणव कुमार ने बताया कि इस मामले की सीबीआई जांच या अन्य किसी एजेंसी से जांच कराने की सूचना नहीं मिली है। अभी तक की जांच में पता चला कि डाक विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से एजेंट प्रदीप सिंह ने लोगों का पैसा डाक विभाग में जमा नहीं किया था। इस मामले में पुलिस को तहरीर दी गयी है, जिसमे मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में जो भी दोषी मिलेगा। उसके खिलाफ सख्त से सख्त विभागीय कार्रवाई की जायेगी।
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