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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह के अंदर सोने के पत्तर लगाने की तैयारी तेज

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह की भीतरी दीवारों पर सोने के पत्तर लगाए जाने हैं। इसकी इच्छा दक्षिण भारतीय बाबा भक्त ने जाहिर की थी। भक्त की इच्छा का आदर करते हुए मंदिर प्रशासन ने हामी भर दी। अब भक्त के स्तर से गर्भ गृह की दीवारों पर सोने के पत्तर लगाने को सांचा तैयार किया जा रहा है।

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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

वाराणसी. श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण भले ही दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हो गया हो पर मंदिर के जीर्णोद्धार और उसे और भव्य स्वरूप देने का काम अभी जारी है। इसी बीच एक शिव भक्त ने इच्छा जताई कि मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को भी स्वर्णमंडित कर दिया जाए। भक्त की इच्छा को मंदिर प्रशासन की हरी झंडी भी मिल गई। अब वो भक्त गर्भगृह की भीतरी दीवारों पर सोने के पत्तर जड़ने की तैयारी में जुट गया है। इसके तहत फिलहाल सांचे की ढलाई शुरू हो गई है।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को भी वाह्य दीवारों की तरह स्वर्णमंडित करने के लिए विशेषज्ञों की टीम ने काम शुरू कर दिया है। इसके तहत विशेषज्ञों की निगरानी में सांचा बनाया जा रहा है। आठ सदस्यीय विशेषज्ञ टीम दो चरण में काम कर रही है। बताया जा रहा है कि सांचा तैयार हो जाने के बाद ही ये अनुमान लगाया जा सकेगा कि भीतरी दीवार को स्वर्णमंडित करने के लिए कितना सोना लगेगा।

ये सारी कवायद भक्त के स्तर से की जा रही है। ये विशेषज्ञो की टीम भी शिवभक्त ने ही लगाई है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक सांचे के आधार पर ही गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्णमंडित करने को सोने के पत्तर तैयार किए जाएंगे। ये स्वर्ण पत्र टुकड़ों में होंगे। मंदिर प्रशासन का कहना है कि सांचा तैयार होने का काम महाशिवरात्रि से पूर्व पूरा हो जाएगा। फिर जल्द ही आगे की कार्रवाई होगी।

यहां बता दें मंदिर के गर्भगृह की दीवारों और शिखर पहले से ही स्वर्णिम आभा लिए है। हालांकि बीच में इन सोने के पत्तरों पर एनामिल पेंट लगा दिया गया था जिससे इसकी चमक धूमिल होने लगी थी। इसे लेकर काफी विरोध भी हुआ। मंदिर प्रशासन ने कई बार प्रयास किया कि एनामिल पेंट को छुड़ाया जाए। लेकिन बात नहीं बनी। पर श्री काशी विश्वनाथ धाम निर्माण के दौरान उस एनामिल पेंट को उतार कर बाहरी दीवारों और शिखर को फिर से चमका दिया गया है। इसके चलते मंदिर के गर्भगृह की आभा देखते बन रही है।