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BHU में विदेशी छात्र की रैगिंग के नाम पर पिटाई, प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने शिकायत पर नहीं की कार्रवाई

विदेशी छात्र को उसी के संकाय के छात्रों ने पीटा। दो बार प्रॉक्टोरियल बोर्ड से शिकायत की गई, पहली शिकायत नजरंदाज करने से बढा हौसला।

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बीएचयू का छात्र मनीष

बीएचयू का छात्र मनीष

वाराणसी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन के सुरक्षा के तमाम दावे खोखले साबित होते दिख रहे हैं। परिसर में न छात्राएं सुरक्षित हैं न छात्र। छात्राओं संग छेड़खानी की घटनाएं आम हो गई हैं। हर दिन किसी न किसी छात्रा संग छेड़खानी की घटना हो रही है। अब तो रैगिंग की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। ताजा तरीन घटना में एक बीए प्रथम वर्ष के विदेशी छात्र की द्वितीय वर्ष के छात्रों की परिसर में एक कैंटीन के पास पिटाई कर दी। उसे दौड़ा गया। छात्र ने पहली घटना के बाद ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड से शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हुई जिससे पिटाई करने वालों का हौसला बढ़ा और उन्होंने दोबारा उससे दौड़ाया। इस पर दोबारा प्रॉक्टोरियल बोर्ड से शिकायत की गई जिसके आधार पर रविवार को लंका थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। इसकी पुष्टि लंका एसओ संजीव मिश्र ने की।

विश्वविद्यालय में छात्रों की रैगिंग के मामले भी सामने आने लगे हैं। दो महीना पहले एक घटना हुई ही थी। अब फिर से कला संकाय के अंग्रेजी ऑनर्स (बीए प्रथम वर्ष) के विदेशी छात्र (फिजी) मुनीष क्रिशल के साथ रैगिंग की घटना प्रकाश में आई है। बताया जा रहा है कि गत 13 अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के बीए द्वितीय वर्ष के छात्रों ने इसके साथ रैगिंग की कोशिश की तो वह भाग कर अपने छात्रावास (इंटरनेशनल छात्रावास) पहुंच गया। फिर शनिवार को दोपहर बाद करीब ढाई से तीन बजे के बीच मैत्री छात्रावास के पास उन्हीं छात्रों ने मुनीष को देखा तो उसकी जम कर पिटाई कर दी। आरोप है कि 13 अक्टूबर की घटना के बाद भी मुनीष ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड से लिखित शिकायत की थी पर तब कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस पर कल की घटना के बाद इसने दोबारा प्रॉक्टोरियल बोर्ड से लिखित शिकायत की जिसे लंका थाने के लिए अग्रसारित कर दिया गया। रविवार को लंका थाने में इस मामले में एनसीआर दर्ज की गई है।

इस संबंध में लंका एसओ संजीव मिश्र ने पत्रिका से बातचीत में घटना की पुष्टि की। बताया कि फिजी निवासी मुनीष को साथ 13 अक्टूबर उसी के संकाय के कुछ छात्रों ने मारा जिसकी शिकायत उसने प्रॉक्टोरियल बोर्ड से की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर उन छात्रों ने शनिवार को पुनः इसका पीछा किया तो वह भाग कर छात्रावास पहुंचा और दोबारा प्रॉक्टोरियल बोर्ड से शिकायत की जिसे थाने को संदर्भित किया गया जिस पर रिपोर्ट लिखी गई है। एसओ मिश्र ने बताया फिलहाल चार अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 352, 323 और 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। लंका एसओ ने बताया कि मुनीष किसी का नाम नहीं जानता लेकिन उसका दावा है कि अगर वे सामने आए तो उन्हें पहचान लेगा। ऐसे में पुलिस उन छात्रों को तलाश रही है। इस बाबत विश्वविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

जहां तक बीएचयू में यूं तो छात्राओं संग छेड़खानी की घटना की बात है तो यह सालों से हो रही हैं। लेकिन गत 21 सितंबर की घटना के बाद जिस तरह से छात्राओं ने मोर्चा खोला, धरना-प्रदर्शन के बाद लाठीचार्ज, आगजनी जैसी घटनाएं हुईं। परिसर पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। कुलपति को फोर्स लीव पर भेज दिया गया। पुराने चीफ प्रॉक्टर को हटा कर नई महिला चीफ प्रॉक्टर की नियुक्ति की गई। बावजूद इसके छात्राओं संग छेड़खानी की घटना कम नहीं हो रही है। 21 सितंबर से अब तक परिसर में पांच घटनाएं हो चुकी हैं। आलम यह कि महिला छात्रावास में आधी रात के बाद डेढ़ बजे चहारदीवारी फांद कर युवक घुस जा रहा है। अब शनिवार को ही दो छात्राएं स्कूटी से विभाग से घर लौट रही थीं तो कुछ अवांछनीय तत्वों ने उनकी स्कूटी को धक्का मारा, विरोध करने पर वे हाथापाई पर उतर आए। हालांकि शोर सुनने पर उसी रास्ते गुजर रहीं चीफ प्रॉक्टर मौके पर पहुंचीं, क्यूआरटी टीम को बुलवाया। बाइक सवार युवकों को पकड़ा। लेकिन उन्हें पुलिस को सौंपने की बजाय माफी नामा लिखवा कर छोड़ दिया। चीफ प्रॉक्टर के इस बर्ताव को लेकर परिसर में सवाल खड़े होने लगे हैं। इससे पहले गुरुवार की रात पावगी छात्रावास में युवक कूदा था तो शुक्रवार को दिन में छात्राओं संग कुछ छात्रों ने छेड़खानी की थी।