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वाराणसी में हुआ था समाजवादी पार्टी का गठन, जानिए मुलायम सिंह यादव का वो अनकहा किस्सा

Mulayam Singh Yadav: किसानों और छात्रों के सहयोग से देश में समाजवाद के डंके के लिए मुलायम सिंह यादव ने पार्टी का गठन किया था। इस पार्टी के गठन का मन सेन्ट्रल जेल वाराणसी में बना था। वाराणसी के सेन्ट्रल जेल में 6 दिन में क्या-क्या हुआ जानिए सब...

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Mulayam Singh Yadav: पूरा देश आज नेताजी मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि मना रहा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी प्रदेश के हर जिले खाद्यान्न सामाग्री बांटेगी। नेता जी का व्यक्तित्व एक जनवादी नेता का रहा। साल 1992 में समाजवादी पार्टी का निर्माण हुआ। तब से लेकर साल 2022 तक नेता जी ने लोकतंत्र के उसूलों के लिए राजनीति की, आखिर समाजवादी पार्टी का निर्माण कैसे हुआ और वाराणसी से इसका संबंध क्या है। इन सब विषयों पर patrika.com ने पूर्व कारागार मंत्री और सपा के एमएलसी रहे भाजपा नेता शतरुद्र प्रकाश से बात की, पेश है इस बातचीत के मुख्य अंश...

पहुंचा जेल, तो नेता जी ने कही ये बात

पूर्व में समाजवादी पार्टी और नेता जी से जुड़े रहे एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने बताया कि जैसे ही मुझे पता चला की नेताजी को गिरफ्तार करके सेन्ट्रल जेल लाया गया है मै और कई नेता कार्यकर्ताओं के साथ जेल पहुंचे। जेल के बाहर और शहर में कार्यकर्ता जाग चुके थे। मै अंदर गया तो नेता जी ने कहा 'शतरुद्र आओ, अब मन बन गया है। पार्टी बनाना है और जेल से निकलते ही एलान भी करना है। मैंने कहा कि ठीक है पर पहले जेल से तो निकला जाए। शतरुद्र प्रकाश ने बताया कि पार्टी बनाने का मन शहीद दिवस से ही चल रहा था। काकोरी से शहीद स्मारक लखनऊ तक हुए मार्च के बाद ही अंदर-अंदर नई पार्टी के गठन का बिगुल बज चुका था जिसे सेन्ट्रल जेल वाराणसी में नाम दिया गया था।

शतरुद्र गंभीर व्यक्तित्व के युवा हैं

शतरुद्र प्रकाश ने बताया कि इसके फ़ौरन बाद मै सेन्ट्रल जेल पहुंचा। पूर्व में जेल मंत्री था तो सभी मुझे जानते थे। जेल सुपरटेंडेंट से पूछा की कोई परवाना लखनऊ से आया है रिहाई का तो उसने कहा कि हम भी वहीं हैं जहां आप बाहर क्या हो रहा है हमें क्या पता। इसके बाद मै नेता जी की सेल में गया जहाँ उनके साथ तीन लोग और हीरालाल यादव, इष्ट देव यादव और बलराम यादव् भी थे। हमने नेता जी से कहा कि कब तक रहेंगे यहां जेल में चलिए सामान बांध लीजिए। इसपर हीरालाल यादव ने कहा कि क्या मतलब है रिहाई का कोई ऑर्डर है क्या तो हमने कहा नहीं तो वो बोले फिर कैसे तो नेता जी ने कहा कि हीरालाल यदि शतरुद्र कोई बात कह रहा है तो उसमे गंभीरता है क्योंकि वो गंभीर युवा नेता है।

आया परवाना तो हंसे नेता जी

शतरुद्र प्रकाश ने बताया की वह 14 अक्टूबर का दिन तह जब मै वहां पहुंचा था। मैंने फिर नेता जी से कहा तो वो हंसे और पास खड़े सुरक्षाकर्मी को बुलाकर पूछा कि क्या कोई रिहाई का आदेश आया तो उसने भी मना कर दिया पर फिर मैंने कहा तो वो उठे ही थे कि सुपरटेंडेंट के कार्यालय से वयक्ति आया और बताया की रिहाई का परवाना आ गया है। इसपर नेता जी हंसे और जेल से निकलने पर काशी की जनता ने उनका भव्य स्वागत किया।

नवंबर में हुई पार्टी की घोषणा

शतरुद्र प्रकाश ने बताया कि इसके बाद नवंबर में बेगम हजरत महल पार्क में हुए सम्मलेन में पार्टी की घोषणा कर दी गई। इसके बाद समाजवादी विचारधारा की इस पार्टी को साल 2022 तक मुलायम सिंह यादव ने पोसा और पूरे देश में युवाओं की पार्टी के रूप में स्थापित किया। वाराणसी से उनका खासा लगाव था जब तक बेनियाबाग मैदान था वो यहां चुनावी रैलियां करने आते रहते थे। इसके अलावा सुड़िया स्थित वैध जी के घर भी उनका आना-जाना रहता था।

वाराणसी को कहते थे पूर्वांचल का गेटवे

शतरुद्र ने बताया कि पूर्वांचल की राजनीति का गेटवे नेता जी वाराणसी को ही मानते थे और यहां से आकर स्थानों पर जाने की वयवस्था होती थी। ऐसे में वो वाराणसी अक्सर आया करते थे। यहां की जलेबी और लस्सी उन्हें काफी पसंद थी।