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ज्ञानवापी में नियमित पूजन से रोके जाने पर चार दिन से अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्थानीय प्रशासन पर फोड़ा ठीकरा

ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंगनुमा आकृति को आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग बता कर उनकी नियमित पूजा की मांग करने वाले द्वारका- शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्थानीय प्रशासन पर ठीकरा फोड़ा है। मीडिया से मुखातिब स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वो वाराणसी के कलेक्टर को नोटिस देने जा रहे हैं।

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

वाराणसी. द्वारका- शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मंगलवार को ज्ञानवापी में मिली शिवलिंगनुमा आकृति (आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग) की नियमित पूजा न करने देने पर शासन-प्रशासन पर भड़ उठे। श्री विद्यामठ में मीडिया से मुखातिब स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम कोई गैर-कानूनी काम करने ज्ञानवापी नहीं जा रहे थे। अपनी आस्था को कानून सम्मत रखते हुए अपना संकल्प पूरा करना चाहते थे। लेकिन वो मौका भी वाराणसी जिला प्रशासन ने छीन लिया।

93 घंटे से अन्न-जल ग्रहण नहीं किया

उन्होने कहा कि अन्न-जल त्याग किए 93 घंटे हो गए। अब तक 5 किलो 200 ग्राम वजन कम हो चुका है, यूरीन में भी समस्या आने लगी है। यदि हमारे शरीर अथवा प्राण को कुछ होता है तो जिलाधिकारी वाराणसी और यहां के सबसे बड़े पुलिस अफसर ही जिम्मेदार होंगे, क्योंकि पुलिस अफसरों की हठधर्मिता के कारण ही हम अपने आराध्य के प्रकट होने के बाद भी विशेश्वर की पूजा नहीं कर पाए।

सिविल जज से सुप्रीम कोर्ट तक ने कलेक्टर को दिया जरूरी इंतजाम का आदेश

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के आदेश की प्रति दिखाते हुए कहा की सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है की जहां पर शिवलिंग का मिलना कहा गया है उस स्थान को जिलाधिकारी उचित और जरूरी इंतजाम करते हुए संरक्षित करें।

शिवलिंग का संरक्षण पूजा से

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की गाय का संरक्षण भूसा खिलाने से, पौधे का संरक्षण सिंचाई करने से, मछली का संरक्षण दाना डालने से, बच्चे का पालन दूध पिलाने से हता है। वैसे ही शिवलिंग मिला है तो उसका यथोचित संरक्षण उनकी पूजा से ही होगा। पूजा के अलावा कोई दूसरी विधि नहीं संरक्षण की। कहा कि जिलाधिकारी वाराणसी केवल संरक्षण कर रहे है कोर्ट के आदेश के तहत ड्यूली प्रोटेक्टेड नहीं कर रहे।

भेजेंगे जिलाधिकारी को नोटिस

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की देश के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है की जिलाधिकारी सभी पक्षकारों से वार्ता कर यह सुनिश्चित करें की जहां शिवलिंग मिला है की वहां उचित व्यवस्था की जाए। धार्मिक कृत्य संपादन में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। लेकिन जिलाधिकारी ने मुस्लिम पक्ष से वार्ता कर नमाज की व्यवस्था तो बना दी लेकिन शिवलिंग के पूजा का कोई प्रबंध नहीं किया। कहा कि न्यायालय का नाम लेकर न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। हमने एक नोटिस तैयार किया है जो कलेक्टर वाराणसी को भेज रहे है जिसमें पूछा गया है की क्यों ना आप के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मुकदमा चलाया जाए? स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा की यदि जिलाधिकारी वाराणसी ने दिए गए नोटिस का जवाब नहीं दिया तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और जिलाधिकारी वाराणसी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे। हम हिंदुओं के साथ निरंतर अत्याचार हो रहा है।