
Matka Vidhi
वाराणसी. मटका विधि से अब सेनेटरी पैड का सही ढंग से निस्तारण किया जा सकेगा। बनारस के काशी विद्यापीठ ब्लाक के आंगनबाड़ी केन्द्रों में किशोरियों को मटका विधि से निस्तारण की जानकारी दी जा रही है। सेनेटरी पैड का सही ढंग से निस्तारण होने से पर्यावरण प्रदूषण नहीं फैलेगा।
यह भी पढ़े:-Navratri 2019-हवन सामग्री से बनी मां दुगा की खास प्रतिमा, विसर्जन में नहीं होगा प्रदूषण
शासन किशोरियों को मटका विधि से सेनेटरी पैड के निस्तारण करने को लेकर जागरूक कर रही है। काशी विद्यापीठ ब्लाक के पहाड़ी, ककरमता, चितईपुर, डाफी, कंचनपुर, भिखारीपुर आदि आंगनबाड़ी केन्द्रों में किशोरियों को बकायदे इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। तकनीक सिखने के बाद किशोरियंा घर में ही मटका विधि आसानी से अपना सकती है। किशोरी इस विधि को सिखने के बाद से काफी खुश है। मुस्कान, मधुलिका सिंह आदि ने बताया कि पहले सेनेटरी पैड को बाहर फेंकने में काफी दिक्कत होती थी। परिजन कहते थे पैड को जलाने से पाप लगता है। घर से बाहर पैड को फेंकने में शर्म आती थी इसलिए हम लोगों को रात का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब सारी समस्या का समाधान हो गया है और घर में ही मटका विधि से पैड का निस्तारण कर रहे हैं। इससे परिजन भी काफी खुश है।
यह भी पढ़े:-प्रदेश में अभी NRC लागू नहीं, जिले में खुलेंगे तीन नये थाने
जानिए क्या है मटका विधि
मटका विधि में घर में पड़े हुए अनुपयोगी घड़ का उपयोग किया जाता है। घड़े के निचले हिस्से से थोड़ा उपर गोलाई में चारों तरफ 25 से 30 छेद कर दे। माहवारी के दौरान प्रयोग में लाये गये पैड को कागज में लपेट कर घड़े में डाल ले। घड़े को मिट्टी के ढक्कन से ढक कर रखे। मासिक धर्म खत्म हो जाने के बाद सारे पैड को घड़े में ही जला दे। घड़े में छेद होने से उसमे ऑक्सीजन जाती रहेगी और सारे पैड जल जायेंगे। इसके बाद घड़े को खाली करके फिर उपयोग में ला सकते हैं। सीडीपीओ स्वाति पाठक ने कहा कि मटका विधि से हानिकरण बैक्टीरिया के फैलने का खतरा रहता था। किशोरी और महिलाएं पहले सेनेटरी पैड को खुले में फेंक देती थी, जिससे गंदगी भी फैलती थी लेकिन मटका विधि के प्रति जागरूकता आने से उन्हें सेनेटरी पैड का निस्तारण करने में आसानी हो रही है। चितईपुर गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शैल सिंह ने कहा कि वह किशोरियों को मटका विधि से पैड निस्तारित करने की जानकारी देती है। जानकारी मिलने के बाद किशोरी अपने घर में ही इस विधि का आराम से उपयोग कर रही है।
यह भी पढ़े:-252 साल पहले स्थापित हुई थी मां दुर्गा की अनोखी प्रतिमा, विसर्जन के लिए कोई मूर्ति को हिला भी नहीं पाया था
Published on:
05 Oct 2019 04:50 pm
बड़ी खबरें
View Allवाराणसी
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
