संसदीय चुनाव 2019 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने बनारस से नामांकन किया था उनके खिलाफ चुनाव लड़ाने के लिए अखिलेश यादव की सपा ने तेज बहादुर यादव को नामांकन कराया था लेकिन तकनीकी कारणों से उनका नामांकन खारिज हो गया था। सपा की पहले प्रत्याशी रही शालिनी यादव ने निर्दल पर्चा भरा था जिसके बाद में सपा का सिंबल दिया गया था। तेज बहादुर यादव ने निर्वाचन खारिज होने के बाद भी चुनाव तक सपा के लिए प्रचार किया था। चुनाव में पीएम मोदी पांच लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीते थे। इसके बाद तेज बहादुर यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीएम मोदी के निर्वाचन को चुनौती दी थी जो बाद में खारिज हो गयी थी।
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तेज बहादुर यादव ने लगाये थे सनसनीखेज आरोप
तेज बहादुर यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी नेताओं पर सनसनीखेज आरोप लगाये थे। उन्होंने दावा किया था कि चुनाव मैदान में हटने के लिए उन्हें भारी रकम ऑफर की गयी थी। इसके अतिरिक्त उन्होंने बीजेपी पर लगातार हमला बोला था। तेज बहादुर यादव ने कहा था कि वह चुनाव के बाद भी यूपी की राजनीति में सक्रिय रहेंगे। लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने प्रदेश से दूरी बना ली थी। फिलहाल देखना है कि तेज बाहदुर यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट क्या निर्णय करता है।
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तेज बहादुर यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी नेताओं पर सनसनीखेज आरोप लगाये थे। उन्होंने दावा किया था कि चुनाव मैदान में हटने के लिए उन्हें भारी रकम ऑफर की गयी थी। इसके अतिरिक्त उन्होंने बीजेपी पर लगातार हमला बोला था। तेज बहादुर यादव ने कहा था कि वह चुनाव के बाद भी यूपी की राजनीति में सक्रिय रहेंगे। लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने प्रदेश से दूरी बना ली थी। फिलहाल देखना है कि तेज बाहदुर यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट क्या निर्णय करता है।
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