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काशी में मंदिरों को तोड़े जाने का अनोखा विरोध, नाविक का आकंठ जल सत्याग्रह

प्रधानमंत्री से सवाल, देश भर में घूम घूम कर मंदिरों में कर रहे दर्शन पूजन फिर काशी में मंदिर क्यों तुडवा रहे।

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प्रमोद मांझी का जल सत्याग्रह

प्रमोद मांझी का जल सत्याग्रह

वाराणसी. हे मां गंगे क्या आपने नरेंद्र मोदी जी को काशी में मंदिरों को तुड़वानेके लिए बुलाया था। हे नरेंद्र मोदी जी, जब आपको मां गंगा ने बुलाया था तो फिर आपने गंगा को उसके हाल पर छोड़ा क्यों? जब आपने देश विदेश में मंदिर-मंदिर शीश झुकाने का दिखावा किया तो हमारी काशी में मंदिरों को तोड़ा क्यों ? यह सवाल किसी संत का नहीं, किसी महात्मा का नहीं, किसी साधु का नहीं, बल्कि यह सवाल है एक साधारण नाविक प्रमोद मांझी का। मां गंगा निषादराज सेवा समिति के महामंत्री प्रमोद ने इन सवालों के साथ शुरू की जल तपस्या। गर्दन तक गंगा की बीच धारा में खड़े हो कर वह जल तपस्या कर रहे हैं। इन्हें देखने वालों की भीड़ जमा होने लगी है। लोग उत्सुकतावश पूछते हैं ये क्या कर रहे, जवाब एक मां गंगा की दुर्दशा क्यों, काशी में मंदिर क्यों तोड़े जा रहे।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के नाम पर काशी खंडोक्त पौराणिक मंदिरों व वर्षों से पूजित देव विग्रहों को तोड़े जाने के विरोध में एक तरफ जहां ज्योतिष एवं शारदापीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य व श्री विद्यामठ के प्रभारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पिछले 9 दिन से अन्न जल त्याग कर शंकराचार्य घाट पर उपवास पर बैठे हैं। उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। वहीं अब माझी समाज से जुड़े प्रमोद ने जल तपस्या का व्रत ले लिया है। प्रमोद माझी ने यह जल तपस्या शनिवार को ही शुरू की जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी में ही थे और गंगा निर्मलीकरकण पर पिछली सरकारों को कोसते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे। काशी की आत्मा की रक्षा की दुहाई दे रहे थे।

ऐसे में प्रमोद माझी ने पीएम का अपने खास तरीके से विरोध शुरू किया। शनिवार को कचनार में आयोजित पीएम की रैली के पूर्व सायं 5 बजे से मां गंगा निषादराज सेवा समिति के महामंत्री प्रमोद माझी पीएम मोदी के वाराणसी में कदम रखते ही गंगा में गले तक जल में खड़े होकर 'आकंठ जल तपस्या' शुरू कर दी और कहा कि पीएम जब तक वाराणसी में रहेंगे तब तक वह गंगा जी मे ही रहकर आकंठ जल तपस्या करेंगे ।
प्रमोद माझी के कठिन संकल्प को पूरा करने हेतु उपस्थित जन समुदाय ने बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की। प्रमोद माझी ने गंगा जी से प्रश्न किया, 'हे मा गंगा क्या आपने मोदी को मंदिरों को तोड़ने के लिए बुलाया था?' पीएम से पूछा, 'जब आपको गंगा जी ने बुलाया तो उनको क्यो भूल गए? और जब देश-विदेश घूम कर मंदिर-मस्जिद जा रहे है तो मंदिरों को क्यो तोड़ दिया?