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बनारस में बवाल! दौड़ा-दौड़ा कर पुलिसकर्मियों को जमकर पीटा; क्यों घात लगाए बैठा था वकीलों का ग्रुप?

UP Crime: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दौड़ा-दौड़ा कर पुलिसकर्मियों को वकीलों ने पीटा। घटना की सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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lawyers brutally beat up policemen in varanasi

दौड़ा-दौड़ा कर पुलिसकर्मियों को बनारस में वकीलों ने पीटा। फोटो सोर्स-Ai

UP Crime: वाराणसी की एक अदालत में मंगलवार को वकीलों ने पुलिसकर्मियों की जमकर पिटाई कर दी। जिसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

घटना का CCTV फुटेज आया सामने

CCTV फुटेज में देखा जा सकता है कि वकील किस तरह से बड़ागांव थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर मिथिलेश प्रजापति (37) की पिटाई कर रहे हैं। CCTV में वकीलों की भीड़ प्रजापति का पीछा करते, उन्हें लात-घूंसों से पीटते हुए दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं सब-इंस्पेक्टर पिटाई से बेहोश हो गया तो वकील उसे घसीटकर एक दफ्तर में ले गए। जहां भी वकीलों ने मारपीट जारी रखी। वकीलों ने प्रजापति को तब तक बंधक बनाए रखा जब तक कि कोर्ट में मौजूद अन्य पुलिस अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को नहीं छुड़ा लिया। इस मारपीट में प्रजापति के साथ आए कांस्टेबल राणा प्रसाद (27) भी बुरी तरह घायल हो गए।

क्या है घटना की वजह

प्रजापति को 16 चोटें और कई अंदरूनी चोटें आईं हैं। उनका इलाज BHU ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है। कांस्टेबल प्रसाद भी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि यह झड़प बड़ागांव में चल रहे एक जमीन विवाद के कारण हुई। कुछ दिन पहले प्रजापति ने दोनों पक्षों के खिलाफ धारा 151 के तहत चालान पेश किया था। जिसमें एक वकील भी शामिल था। वकील ने मामले में पुलिस अधिकारी पर दुर्व्यवहार और मारपीट का आरोप लगाया था। पुलिस ने कहा कि वकीलों का समूह बदला लेने के लिए कोर्ट में घात लगाए बैठा था।

क्या है मामले में अपडेट

प्रजापति का आरोप है कि वकीलों ने सरकारी काम में बाधा डालने के लिए एक गिरोह बनाया था। उन्होंने दावा किया कि वे हथियारों से लैस होकर आए और उन्हें जान से मारने की नीयत से पीट-पीटकर बेहोश कर दिया। फिर उन्हें नाले में फेंक दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने उनका पुलिस पहचान पत्र, अन्य पहचान पत्र और 4,200 रुपये नकद लूट लिए। मामले में अपडेट है कि कैंट थाने में 10 वकीलों के खिलाफ नामजद और 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।