
वाराणसी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष के वायरल लेटर ने मचाया बवाल, आखिर पार्टी में चल क्या रहा?
वाराणसी। पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त भाजपा कार्यकर्ताओं को वाराणसी महानगर अध्यक्ष ने शनिवार की रात बाहर का रास्ता दिखाया था। इस लिस्ट में जोलहा उत्तरी वार्ड से अनुसूचित जाति मोर्चा के महानगर अध्यक्ष जितेंद्र सोनकर का भी नाम था। इस लिस्ट के आने के बाद अब जितेंद्र सोनकर का एक लेटर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है।
गढ़ौली धाम से जुड़ी है लेटर की इबारत
अनुसूचित जाति मोर्चा के महानगर अध्यक्ष जितेंद्र सोनकर के लेटर हेड पर वायरल लेटर के विषय में लिखा है कि 'गढ़ौली धाम चंदे के कारण कई कार्यकर्ताओं के पार्षदी का टिकट प्रभावित हुआ व पद का दुरुपयोग कर कब्रिस्तान की जमीन कब्जा करवाने के सन्दर्भ में।' यह लेटर किसने लिखा और किसने वायरल किया या बात स्पष्ट नहीं।
जेपी नड्डा को लिखा गया है लेटर
उक्त लेटर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा गया है। इसमें उन्हें सम्बोधित करते ही कहा गया है कि ' टिकट बंटवारे की कमेटी ने जब वार्ड नंबर 45 जोल्हा उत्तरी में क्षेत्रीय विधायक श्रीवास्तव और उसी वार्ड के निवासी दक्षिणी विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी की सहमति से पहले नंबर पर जितेंद्र सोनकर का नाम टाइप हुआ और उसपर दोनों विधयकों ने संस्तुति भी की लेकिन अचानक उसमे पहले नंबर पर शरद पांडेय मुन्ना का नाम जोड़ दिया गया और जितेंद्र सोनकर को दूसरे नंबर पर कर दिया गया।
लगाया गंभीर आरोप
इस लेटर में जितेंद्र सोनकर के नाम से भाजपा महानगर अध्यक्ष पूर्व सह प्रभारी उत्तर प्रदेश सुनील ओझा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेटर में आगे लिखा गया है कि शरद पांडेय मुन्ना का नाम आगे करने का काम महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने सुनील ओझा, पूर्व सह प्रभारी उत्तर प्रदेश के कहने पर किए, क्योंकि शरद पांडेय मुन्ना ने गढ़ौली धाम में 5 लाख रुपए का चंदा विद्यासागर राय के कहने पर दिया था और यह आश्रम सुनील ओझा का है।
सपा के कई बार के पार्षद प्रत्याशी को टिकट देकर की गयी मेरी राजनीतिक हत्या
इस लेटर में जितेंद्र सोनकर ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि शरद पांडेय कांग्रेस और सपा से बिरदोपुर वार्ड से कई बार पार्षदी का चुनाव लड़ चुके हैं। वह कभी भाजपा का सदस्य भी नहीं रहा पर उसके आगे मेरे 15 साल के राजनीतिक कैरियर की हत्या कर दी गयी।
महानगर अध्यक्ष पर भी लगाए गंभीर आरोप
जितेंद्र सोनकर ने इस लेटर में लिखा है कि विद्यासागर राय जैसी कुंठित मानसिकता के लोगों की वजह से दलित कार्यकर्ता आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं जबकि सभी भाजपा के साथ साल 2014 से लगे हुए हैं। विद्यासागर राय के भाई विनय शंकर राय मुन्ना पक्के कांग्रेसी नेता हैं। उनको विद्यासागर राय ने बजरडीहा में कब्रिस्तान की जमीन कब्जा करवा दी।
Updated on:
30 Apr 2023 02:55 pm
Published on:
30 Apr 2023 02:20 pm
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