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Varanasi News : जैन तीर्थंकर को समर्पित होगा चंद्रावती गांव का पक्का घाट, योगी सरकार ने 17 करोड़ किए पास

Varanasi News : भगवान पार्श्वनाथ के साथ ही आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु की जन्मस्थली भी वाराणसी में ही है। ऐसे में योगी सरकार अब जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभुजी के चार कल्याणकों (च्यवन, जन्म, दीक्षा और केवलज्ञान) के स्थान का कायाकल्प करने में जुट गई है।

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Varanasi News : धर्म की नगरी काशी में कई महापुरषों और संतों ने जन्म लिया। उन्ही में से एक यहीं जैन धर्म के 8वें तीर्थंकर चंद्रप्रभु जी जिनका जन्म काशी में हुआ। गंगा किनारे गाजीपुर रोड पर स्थित चंद्रावती गांव में जन्मे 8वें तीर्थंकर चंद्रप्रभु की जन्मस्थली के कायाकल्प में योगी सरकार लग गयी है। ऐसे में 17 करोड़ की लागत से चंद्रावती में पक्के घाट का निर्माण गंगा तट पर होगा जो 8वें तीर्थंकर चंद्रप्रभु जी को समर्पित होगा और उनके नाम पर होगा।

मुख्यालय से 23 किलोमीटर दूर

वाराणसी जिला मुख्यालय से 23 किलोमीटर दूर वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर स्थित चंद्रावती गांव में इन दिनों विकास का पहिया तेजी से दौड़ रहा है। योगी सरकार के नेतृत्व में जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभुजी की जन्मस्थली पर एक शुरू होने जा रहा है। इसकी लागत 17 करोड़ रुपए से अधिक है। यहां भगवान चंद्रप्रभुजी का श्वेताम्बर व दिगम्बर जैन मंदिर है।

बढ़ेगा पर्यटन

यहां भगवान चंद्रप्रभुजी के जन्मदिवस पर लाखों जैन अनुयायी यहां आते हैं। ऐसे में घाट का निर्माण होने से यहां पर्यटन भी बढ़ेगा। पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि जैन धर्म को मानने वाले देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। घाट के पुनरुद्धार व सुविधाओं के बढ़ जाने से आने वाले समय में ये स्थान तीर्थाटन का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में पर्यटन के नए केंद्र के रूप में ये जगह विकसित होगी जिसका लाभ पर्यटन उद्योग को भी मिलेगा।

गाबियन और रेटेशन वाल से तैयार हो रहा घाट

यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी ने बताया कि भगवान चंद्रप्रभुजी की जन्मस्थली के पास लगभग 200 मीटर लम्बा पक्के घाट का निर्माण हो रहा है। तीर्थयात्रियों की सुविधा और घाट देखने में सुन्दर लगे इस लिए तीन प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। घाट से नीचे उतरने के लिए सीढ़ियों होंगी। इसके अलावा पूरे घाट का हेरिटेज लुक होगा। साथ ही गाबियन (GABION) और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया जा रहा है, जिससे ये देखने में पुराने घाटों की तरह होगा और बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। ये निर्माण पूरी तरह से ईको फ्रेंडली होगा। टॉयलेट ब्लॉक, पोर्टेबल चेंजिंग रूम, साइनेजेस, पार्किंग, हेरिटेज लाइट, बैठने के लिए पत्थर के बने बेंच होंगे और पत्थरों से बनी जालीनुमा खूबसूरत रेलिंग लगाई जाएगी, साथ ही बागवानी भी होगी। पूरे घाट के निर्माण की लागत 17.07 करोड़ है। घाट का निर्माण पूरे होने का वर्ष 2024 तक प्रस्तावित है।