
विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन
वाराणसी. ज्ञानवापी प्रकरण का पैरोकार बन कर अदालत में केस दर्ज कर इसे देश दुनिया भर में सुर्खियों में लाने वाले वादी पक्ष में फूट पड़ गई है। वादी पक्ष दो धड़ों में बंट गया है। विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन को वकालतनामे से हटा दिया है। उन्होंने कहा है कि केस से जुड़े सभी अधिवक्ताओं का वकालतनामा निरस्त होगा। इतना ही नहीं विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख बिसेन ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से संबंधित वीडियो लीक होने के मामले में इन सभी को दोषी करार दिया है।
अधिवक्ता हरिशंकर जैन केवल श्रेय लेना चाहते हैं
जितेंद्र सिंह विसेन का कहना है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन का वकालतनामा राखी सिंह वाले वाद में था। लेकिन गत 26 मई से पहले वह कभी अदालत में आए ही नहीं। अदालत में वाद दाखिल कराने से लगायत अब तक जो भी आदेश हुए, उनमें उनकी तनिक भी भूमिका नहीं रही। ऐसे में जब कोई करेगा नहीं करेगा और मामला सुर्खियों में आने के बाद केवल उसका श्रेय लेना चाहेगा तो उसका क्या काम? जहां तक उनके पुत्र अधिवक्ता विष्णु जैन का सवाल है तो उनका वकालतनामा किसी मुकदमे में न था, न इस केस में उनकी कोई भूमिका रही। बिसेन का कहना है किक ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े उनके सभी 5 मुकदमों को अदालत में अधिवक्ता मान बहादुर सिंह, अनुपम द्विवेदी और शिवम गौड़ देखेंगे।
शुरू से ही वादी पक्ष में चल रहा मनमुटाव
बता दें कि ज्ञानवापी प्रकरण के शुरूआती दौर से ही वादी पक्ष में कुछ न कुछ विवाद की स्थिति बनी है। पहले वाद दायर करने वाली दिल्ली निवासी राखी सिंह के मुकदमे से बाहर होने की चर्चा शुरू हुई। यहां तक कहा गया कि केस ही वापस ले लिया जाएगा। लेकिन केस की चार अन्य महिला पैरोकार जो बनारस से ही ताल्लुख रखती हैं ने मीडिया के समक्ष आ कर स्पष्ट किया कि मुकदमा वापस नहीं होगा।
Published on:
04 Jul 2022 08:21 pm
बड़ी खबरें
View Allवाराणसी
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
