
काशी विश्वनाथ मंदिर
वाराणसी. काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद अब महाशिवरात्रि से काशी विश्वनाथ मंदिर के इतिहास में एक और अध्याय जुड़ जाएगा। अब मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्णमंडित करने का कार्य महाशिवरात्रि से पूर्व पूर्ण हो जाएगा। बता दें कि गर्भगृह के भीतरी हिस्सों में सोना लगने का कार्य शुक्रवार से शुरू हो गया है।
बाबा के विवाहोत्सव के दिन भक्त स्वर्णमंडित गर्भगृह का अवलोकन कर सकेंगे। गर्भगृह की भीतरी सोने लगाने वाली संस्था महालक्ष्मी अम्बा ज्वेलर्स (नई दिल्ली) के मुकुंद लाल के मुताबिक, सांचे का कार्य पूरा गया। तीसरे फेज में शुक्रवार से सोना लगने का कार्य शुरू हो गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि महाशिवरात्रि तक सोना लगने का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
गर्भगृह की पूरी भीतरी दीवारो को महाशिवरात्रि से पूर्व स्वर्णमंडित करने के बाबत मुकुंदलाल ने बताते हैं कि सोना पहले गर्भगृह की दीवारों पर लगेगा उसके बाद गर्भगृह के चौखट और अंत मे बाहरी दीवारों पर सोने के पत्तर लगाए जाएंगे। शिवरात्रि से भक्त बाबा के स्वर्ण गर्भगृह के दर्शन करेंगे।
मंदिर प्रशासन के मुताबिक गर्भगृह की भीतरी और बाहरी दीवारों को स्वर्णमंडित करने के लिए आठ सदस्यीय विशेषज्ञ टीम दो चरण में काम कर रही है। सोने के पत्तर लगाने के लिए बनाए गए सांचे के आधार पर ही गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्णमंडित करने के लिए सोने के पत्तर तैयार किए जा रहे हैं। ये स्वर्ण पत्र टुकड़ों में हैं।
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्णमंडित करने का प्रस्ताव एक दक्षिण भारतीय शिवभक्त ने दिया था। उसके बाद मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्णमंडित करने के लिए विशेषज्ञों की राय ली। फिर उन्हीं की देखरेख में छोटे-छोटे सोने के पत्तरों का सांचा तैयार किया गया। अब उन्हें लगाने का काम शुरू हो चुका हैै।
Published on:
26 Feb 2022 12:39 pm
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