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वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के एक इलाके में गर्मी में इतनी अधिक बिजली कटी थी कि लोगों को घर छोडऩा पड़ा था। मीडिया में यह जानकारी मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में हड़कंप मच गया था। राज्य सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए मामले की जांच करायी और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक (तकनीकी) रहे अंशुल अग्रवाल को डिमोट (पदावनत)कर मुख्य अभियंता पद की जिम्मेदारी सौपी गयी है। यूपी सरकार के इस निर्णय से अधिकारियों में हड़कंप मचा है और सरकार ने साफ संदेश दिया है कि काम में लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जायेगी।
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बनारस के मछोदरी उपकेन्द्र से 9 जुलाई को 18 घंटे व 21 जुलाई को 36 घंटे बिजली गुल हो गयी थी। इतने लंबे समय तक बिजली नहीं रहने के कारण पानी का संकट उत्पन्न हो गया था और कुछ लोगों को घर छोड़ कर दूसरी जगह जाना पड़ा था। मीडिया में यह मामला आने के बाद यूपी सरकार ने मामले की जांच करायी। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने खुद जांच रिपोर्ट मिलने पर दोषी लोगों पर कार्रवाई की बात कही थी। इसी आधार पर ऊर्जा मंत्री ने कई अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इसी प्रकरण में सबसे पहले अंशुल अग्रवाल को निदेशक पद से हटाया गया था उसके बाद डिमोट कर दिया गया। मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता को पहले ही आरोप पत्र मिल चुका है। अधिशासी अभियंता, उपखंड अधिकारी व दो अवर अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए आरोप पत्र दिया जा चुका है। इसी मामले में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक गोविंद एस राजू से पहले स्पष्टीकरण लिया गया था उसके बाद उन्हें हटाया गया था। राज्य सरकार के इस निर्णय का अपभोक्ता परिषद ने स्वागत किया है। परिषद ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से अधिकारियों में सख्त संदेश गया है और इसका दूरगामी परिणाम बहुत अच्छा होगा।
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Published on:
02 Nov 2019 12:05 pm
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