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Ajmer News : दरगाह में 10 रुपए के लिए कैसे भिड़े भिश्ती…देखें वीडियो

Ajmer News-Dargah : ख्वाजा साहब की दरगाह में मशक से पानी डालने का काम करने वाले भिश्ती दस रुपए की खातिर एेसे भिड़े की आपस में गाली गलोच करने लगे। भिश्तियों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि नौबत हाथापाई तक आ गई। खास बात यह है कि उसमें दरगाह में खासी भीड़ थी। जायरीन की आवाजाही के बीच भिश्तियों का झगड़ा तमाशा बन गया। इसका किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया।

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अजमेर. ख्वाजा साहब की दरगाह (ajmer dargah) में मशक से पानी डालने का काम करने वाले भिश्ती (bhisti) दस रुपए की खातिर एेसे भिड़े की आपस में गाली गलोच करने लगे। भिश्तियों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि नौबत हाथापाई तक आ गई। खास बात यह है कि उसमें दरगाह में खासी भीड़ थी। जायरीन की आवाजाही के बीच भिश्तियों का झगड़ा तमाशा बन गया। इसका किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया।

बताया जा रहा है कि किसी जायरीन ने कुछ भिश्तियों से मशक में से वजूखाना में पानी डलवाया। इसके बदले वह एक ही भिश्ती को सभी के पैसे देकर चला गया कि आपस में बांट लेना। जायरीन के वहां से जाने के बाद एक भिश्ती को 10 रुपए नहीं मिले तो वह झगड़े पर उतारू हो गया। इस दौरान दो भिश्तियों के बीच हाथापाई हो गई। इसका वीडियो वायरल होने के बाद खादिमों में भी इस घटना को लेकर रोष व्याप्त है। खादिम सैयद कुतबुद्दीन सखी ने कहा कि भिश्तियों को इस तरह मेहमानों के सामने गाली गलोच नहीं करनी चाहिए। इससे दुनियाभर में गलत संदेश जाता है। उन्होंने मांग की है कि मामले में दरगाह कमेटी कार्रवाई करे और भिश्तियों को पाबंद करे। उधर दरगाह नाजिम शकील अहमद फिलहाल इस मामले में कोई एक्शन लेने के मूड में नजर नहीं आ रहे। गौरतलब है कि दरगाह में वजूखाना व बाबा फरीद के चिल्ले के पास भिश्ती समाज के लोग मशक लेकर खड़े रहते हैं। जायरीन मशक में से वूज खाना में पानी डलवा कर उन्हें 10 रुपए देते हैं।

शेखजादगान तय करें दूसरी जगह

दरगाह के कुछ खादिमों ने अंजुमन सैयदजादगान सचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि मैयत के समय सैयदजादगान छतरी गेट पर बैठते हैं, आरकाट के दालान में चने पढ़ते हैं और फातेहा के लिए आहता-ए-नूर में बैठते हैं लेकिन कुछ समय से इन्हीं जगहों पर शेखजादगान भी बैठने लगे हैं। जबकि वे अंदरकोट बड़ी हताई पर बैठते आए हैं। खादिमों ने लिखा है कि शेखजादगान दरगाह में कहीं भी बैठे, उन्हें कोई एतराज नहीं लेकिन उनकी कदीमी जगह पर नहीं बैठें। पत्र लिखने वालों में सैयद हसन हाशमी, सैयद असलम हुसैन, सैयद ताहिर चिश्ती, सैयद वासिक चिश्ती, सैयद जमीर मकबूली और सैयद अनवर चिश्ती शामिल हैं।

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