पुष्कर. जगतपिता ब्रह्मा की आध्यात्मिकता और संतों के सानिध्य ने विदेशी पर्यटकों के जीवन में भी बदलाव की बयार ला दी है। यही कारण है कि मेले के दौरान सात समन्दर पार से आए विदेशी सैलानी घंटों संत-महंत के पास बैठकर ध्यान और धर्मचर्चा कर रहे हैं।
शुक्रवार को इटली के जोनो नामक पर्यटक पुष्कर के जूना अखाड़ा संत से दीक्षा लेकर संन्यासी बन गया। उसने अपना नाम जीनीगिरी रख लिया। पर्यटक ने सिर मुंडवाया, तिलक लगवाया तथा संन्यासी की तरह भगवा वस्त्र पहन लिए। इसके बाद वह अपने गुरु के साथ मंदिरों के दर्शन करने निकल पड़ा।
ब्रह्मा मंदिर के दर्शन के दौरान जीनीगिरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भगवान से बड़ा परिवार नहीं होता है। अब वह किसी परिवार का सदस्य नहीं बल्किी स्वैच्छा से संत बन गया है। उनके गुरु जूना अखाड़े के संत ने बताया कि जीनी तीन साल से उनके सम्पर्क में था। विदेशी पर्यटक के संत बनने का यह पहला मामला है।