राजस्थान प्रदेश के अलवर जिले स्थित उपखंड कठूमर के खेरली कस्बे में 24 जनवरी को महाराष्ट्र के धूलिया में मुमुक्षु दीक्षा लेने जा रही कुमारी नेहा जैन का वरघोड़ा मंगलवार को बैंड-बाजों के साथ निकाला गया। इस मौके पर सम्मान बहुमान और वर्षीदान आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उल्लेखनीय कि खेरली कस्बे के बाल किशन जैन व कांता जैन की 24 वर्षीय पुत्री स्नातक शिक्षित नेहा जैन के बड़े भाई ने भी दो साल पूर्व खेरली में दीक्षा ले ली थी। अब वीर सुंदर विजय महाराज के रूप में धर्म प्रभावना कर रहे हैं। अब उनकी सांसारिक बहन नेहा जैन ने भी इस दुनिया की मोह-माया को त्याग कर संयम के पथ पर अग्रसर होने का संकल्प ले लिया। अपने भाई की दीक्षा के बाद धैर्य निधी के सानिध्य में दो साल रहकर धर्म के मार्ग पर चल संयम तप, त्याग वैराग्य की साधना की और दो माह पूर्व दीक्षा लेने की घोषणा कर दी थी।
स्टेशन रोड स्थित श्वेताम्बर जैन मंदिर से कुमारी नेहा जैन का स्थानीय जैन समाज की ओर से वरघोड़ा निकाला गया। वरघोड़ा खेरली कस्बे के प्रमुख मार्गों से होता हुआ श्वेताम्बर जैन धर्मशाला पहुंचा। इससे पूर्व बग्गी में सवार नेहा जैन ने वर्षी दान के जरिए खूब सामग्री दान की। शोभायात्रा के दौरान कस्बेवासियों ने कुमारी नेहा जैन का अभिनंदन किया। धर्मशाला में कुमारी नेहा जैन का सम्मान बहुमान किया। इस अवसर पर समाज के सभी पदाधिकारी और सैंकड़ों की संख्या में समाजजन मौजूद थे।