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सरिस्का से रूधसिरावास में पहुंचा तेंदुआ, बाड़ें में घुसकर दो बकरियों को बनाया शिकार

लोगों में फैली दहशत, चढ़ गए मकानों की छतों व पेड़ों पर, वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर किया रेस्क्यू

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अलवर. मालाखेड़ा/अकबरपुर. सरिस्का अभयारण्य क्षेत्र के बफर जोन स्थित वन पहाड़ी क्षेत्र से रात्रि को भटकता हुआ एक तेंदुआ रूधसिरावास बंजारा की ढाणी में पहुंच गया। वहां पर सोनू बंजारा के बाडे में घुसकर मंगलवार तड़के बकरियों पर हमला कर दिया। उसने दो बकरियों काे अपना शिकार बना लिया। अन्य बकरियां भाग गई। इस बीच बकरियों में भगदड़ की आवाज व श्वानों के भौंकने पर जाग हो गई। पशुपालक तथा ग्रामीणों में तेंदुए को देख भय व्याप्त हो गया।

इसकी सूचना पर जिला परिषद सदस्य सुरज्ञानी मीणा ने सरिस्का वन विभाग व प्रशासन को अवगत कराया। जहां मौके पर सरिस्का अभयारण्य क्षेत्र के बख्तपुरा ढहलावास क्षेत्र के मुरारी मीणा फोरेस्ट गार्ड, राजेश कसाना गार्ड तथा भूरासिद्ध क्षेत्र की टीम तुरंत मौके पर रेस्क्यू के लिए पहुंची। जिस बाड़े में तेंदुए ने बकरियों का शिकार किया था वह पशुपालक सोनू बंजारा का था। तेंदुए की सूचना पर आसपास के लोग मकानों की छत पर चढ़ गए। कुछ लोग पेड़ों पर चढ़कर इस नजारे को देखते रहे। सूचना के बाद सरिस्का भूरासिद्ध क्षेत्र के वन विभाग की टीम ने तेंदुए को ट्रंक्यलाइज कर सुरक्षा की दृष्टि से सरकारी वाहन में ले गए। उसके बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली।

बना रहता है वन्य जीवों का विचरण

दिनेश बंजारा, रतिराम, अतुल कुमार मीणा आदि ने बताया कि क्षेत्र में वन्यजीवों के विचरण से डर बना रहता है। पहाड़ी क्षेत्र व जंगल होने से तेंदुए ने बाड़ें में आकर दो बकरियों का शिकार किया। पैंथर के डर से अन्य बकरियां भाग गई, जिनमें से एक बकरी जंगल में मृत मिली है। इसी क्षेत्र के पंचायत समिति सदस्यों, सरपंच, जिला पार्षदों ने वन्यजीवों से सुरक्षा मुहैया कराने तथा इस प्रकार से पशुधन का शिकार करने पर उसका मुआवजा दिलाने की मांग की है।

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सबसे ज्यादा पैंथर सरिस्का में

डीएफओ हुड्डा ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा पैंथर सरिस्का में हैं। सरिस्का बाघ परियोजना और बफर जोन में 29 गांव बसे हैं। मुख्य कोर एरिया में 11 गांव बसे हुए हैं। पांच गांवों को स्थापित कर दिया है और अन्य गांवों को विस्थापित करने के प्रयास चल रहे हैं, जिसमें जगह भी चिन्हित कर ली है। सरकार का आदेश मिलते ही जगह मिलने के बाद विस्थापित किया जाएगा।

दो बकरियों का शिकार किया है

सरिस्का अभयारण्य, अलवर डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने मामले में बताया कि पैंथर सिरावास गांव की ढाणी में आने की सूचना मिली थी। हमारी टीम रेंजर, डॉक्टर, फॉरेस्टर की ओर से उसका रेस्क्यू कर लिया। जनहानी नहीं हुई, दो बकरियों का शिकार किया है। पैंथर थोड़ा बीमार सा लग रहा है। उम्र 12 से 13 साल लग रही है। इसे जयपुर नाहरगढ़ बाय लॉजिकल पार्क में छोड़ा जाएगा और उपचार करवाएंगे। ठीक होने के बाद इसे इसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। सिरावास क्षेत्र में बाघिन के दो शावकों की भी टेरेटरी है। टाइगर का मूवमेंट रहता है।