29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

धर्म/ज्योतिष

आज का पंचांग, गुरुवार 30 अक्टूबर 2025, तिथि, श्रेष्ठ चौघड़िए, Rajasthan Patrika

गुरुवार 30 अक्टूबर 2025 : आज के पंचांग में जानिए आज का श्रेष्ठ चौघड़िया, तिथि, दिशा शूल, राहु काल वेला, नक्षत्र, योग, करण, व्रत / दिवस विशेष, चन्द्रमा, ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन। आइए, पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद् से जानते हैं आज का पंचांग।

Google source verification

भारत

image

Kamlesh Kholiya

Oct 30, 2025

🌟(आज का पंचांग – गुरुवार, 30 अक्टूबर, 2025)🌟

विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 7 जमादि उल अव्वल
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ऋतु
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल

श्रेष्ठ चौघड़िये – आज शुभ का चौघड़िया सूर्योदय से 8:02 तक रहेगा। चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 10:48 से 2:56 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 4:19 से सूर्यास्त तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।

तिथि – अष्ठमी तिथि दिन 10:07 तक तदुपरान्त नवमी तिथि होगी।

दिशा शूल – आज दक्षिण दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।

राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 1:30 से 3:00 तक रहेगा।

नक्षत्र – श्रवण नक्षत्र सायं 6:34 तक तदुपरान्त धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा।
योग – शूल योग प्रातः 7:21 तक तदुपरान्त गंड योग रहेगा अंतरात्रि 6:15 तक रहेगा तदुपरान्त वृद्धि योग रहेगा।
करण – बव करण दिन 10:07 तक तदुपरान्त बालव करण रहेगा।

विशिष्ट योग – रवियोग सायं 6:34 से प्रारम्भ

व्रत / दिवस विशेष – दुर्गाष्टमी, गोपाष्टमी, अक्षय-कुष्मांड नवमी,

चन्द्रमा – आज सम्पूर्ण दिन रात्रि मकर राशि में होगा।

आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों की राशि मकर होगी। आज जन्म लेने वाले बच्चों का सायं 6:34 तक श्रवण नक्षत्र होगा तदुपरान्त धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। आज जन्मे बच्चों का ताम्र पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर खे, खो, ग, गी पर रखे जा सकते हैं।

मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं। ये राशि शांत स्वभाव की धैर्यवान व सहनशील होती हैं। परंतु ये लोभी भी होते हैं। इनका व्यवहार गहन विचार करने वाला व क्षमाशील होता हैं। ये लोग अच्छे व्यापारी होते हैं। ये चर राशि होने के कारण एक स्थान पर एक जगह टिक कर कार्य नहीं कर पाते। अधिकतर तोल-मोल कर बात करते हैं और एकांतप्रिय, तपस्या व तप पसंद करते हैं। ऐसे जातक गंभीर, भावुक, संवेदनशील, उच्चाभिलाषी, सेवाधर्मी, मननशील एवं धार्मिक प्रवृत्ति वाले होते हैं।

✍️ पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्