बारां. झालावाड़ रोड (तेल फैक्ट्री) रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज का निर्माण तो बीते चार साल से हिचकोले खा रहा है, लेकिन अब यहां दुपहिया वाहन फाटक बंद रहने के बाद भी पुलिया के नीचे से आसानी से निकल सकेंगे। गुरुवार से रेलवे प्रशासन ने फाटक के निकट स्थित पुलिया के मौखों के नीचे से होकर निकल रहे रास्ते को अस्थायी आवागमन के लिए दुरुस्त करना शुरू कर दिया। एक-दो दिन में यह कार्य पूरा होने पर दुपहिया वाहन चालकों को राहत मिलने लगेगी। फाटक बंद रहने के बाद भी दुपहिया वाहन निकलते रहेंगे। दूसरी ओर इस आरओबी के निर्माण के राज्य सरकार की एजेंसी आरएसआरडीसी की ओर से हाल ही में चौथी बार जारी टेंडर प्रक्रिया में शामिल दो संवेदक फर्मों की बीएसआर दर अधिक होने से दोनों ही टेंडर की दर कम कराने के लिए अधिकारी उनके प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे हैं।
रेलवे ने भी टर्मिनेट किया संवेदक
आरएसआरडीसी ने करीब तीन माह पूर्व संवेदक के लगातार दो माह तक कार्य नहीं करने पर उसे बर्खास्त (टर्मिनेट) कर दिया था। रेलवे ने भी उसके हिस्से में कार्य कराने वाले संवेदक को दो माह काम बंद रखने पर टर्मिनेट कर दिया है। ऐसे में लोगों का इंतजार अब और भी बढ़ता जा रहा है। इस रेलवे फाटक से होकर प्रतिदिन करीब 50 सवारी व माल गाडिय़ों की आवाजाही होती है। इससे दिन व रात में कई बार यह रेलवे फाटक बंद रहता है और दुपहिया व चारपहिया वाहनों को खासा इंतजार करना पड़ता है।
हजारों लोगों को होती है परेशानी
तेल फैक्ट्री क्षेत्र को बारां शहर के पटरी पार क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक कॉलोनियां हैं, इनकी आबादी 30 हजार से अधिक है। इनके अलावा यह फाटक बारां शहर को झालावाड़ रोड से जोड़ता है। तीन दिन पूर्व यहां पहुंचे सांसद दुष्यंत सिंह ने रेलवे के कोटा के डीआरएम से पुलिया के मौखों के नीचे से दुपहिया वाहनों के निकलने के लिए अस्थायी मार्ग बनाने पर जोर दिया था। जिसके बाद यह कार्य शुरू हुआ है। पत्रिका लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहा है।