पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर एक बार फिर से जबरदस्त हिंसा भड़क उठी है। ताजा संघर्ष में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हुए हैं। ये झड़पें ऐसे समय पर हुई हैं। 11 अक्टूबर शनिवार रात को हुई गोलीबारी के बाद ये दूसरी बार है जब दोनों देशों के रिश्ते तनाव की चरम सीमा पर पहुंच गए हैं। इस दौरान पाकिस्तान और तालिबान लड़ाकों के बीच भयंकर गोलीबारी हुई थी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला शुरू करने का आरोप लगाया। इस संघर्ष की वजह अफगानिस्तान की वह नीति है जिस के तहत उसने पाकिस्तानी मंत्रियों को बातचीत के लिए अपने देश में नहीं घुसने दिया।
तालिबान प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने दावा किया है कि पाकिस्तान की ओर से स्पिन बोल्दाक ज़िले में हल्के और भारी हथियारों से हमला किया गया, जिसमें 15 आम नागरिक मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। अफगानिस्तान के एक स्थानीय अस्पताल में घायलों को भर्ती करवाया गया है जिसमें 80 से ज़्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। जिसके जवाब में तालिबानी लड़ाकों ने कार्रवाई करते हुए कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है। दोबारा शुरू हुई इस जंग में तालिबनी लड़ाकों ने पाकिस्तान के कई हथियार और टैंक जब्त कर लिए है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें तालिबान लड़ाके पाकिस्तान के एक T-55 टैंक पर सवार दिखाई दे रहे हैं। ये टैंक पाकिस्तान ने डुरंड रेखा की रक्षा के लिए सर्बिया से खरीदे थे।
दूसरी ओर, पाकिस्तान की सेना का कहना है कि तालिबान ने दो बड़े सीमा चौकियों पर हमला किया था। इन दोनों हमलों को पाकिस्तानी सेना ने नाकाम कर दिया है। वहीं जवाबी कार्रवाई में करीब 30 तालिबान लड़ाके मारे गए। इसके अलावा, स्पिन बोल्दाक के पास भी 20 तालिबान लड़ाकों के मारे जाने का दावा किया गया है। यह पूरी घटना ऐसे समय पर हुई है जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं। भारत और अफगानिस्तान के बीच नज़दीकियां बढ़ रही हैं, जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इस बीच पाकिस्तान ने कतर और सऊदी अरब से मदद मांगी है ताकि उनकी मध्यस्थता के जरीये इस विवाद को खत्म किया जा सके।
बता दें कि इस हिंसा की शुरुआत पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक से हुई थी, जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने काबुल में स्थित टीटीपी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों पर हमला किया। इसके बाद से सीमा पर हालात बिगड़ते चले गए। यह संघर्ष 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद का सबसे गंभीर टकराव माना जा रहा है। हालात बेहद नाज़ुक बने हुए हैं और दोनों देशों की सीमाओं पर तनाव किसी भी समय और ज्यादा बढ़ सकता है। ऐसे में ये देखना अहम होगा कि क्या कतर और सऊदी अरब जैसी ताकतें इस टकराव को कूटनीतिक तरीके से हल करने में कोई भूमिका निभा पाती हैं या नहीं।