बीएसपी के नियमित कर्मचारी 28 अक्टूबर को अगर गेट पर यह कहकर खुद रुक जाते हैं कि रोका जा रहा है। तब प्रबंधन उनको किसी तरह की सजा नहीं दे पाएगा। strike हड़ताल भी कामयाब हो जाएगी। वहीं अगर वे खुद ड्यूटी पर जाते हैं, तब हड़ताल का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। बीएसपी में काम करने वाले ठेका श्रमिक इस हड़ताल में तब ही शामिल हो सकते हैं, जब यूनियन नेताओं पर उनको भरोसा हो। वे अगर इसमें शामिल होते हैं। तब प्रबंधन के सामने संकट की स्थिति निर्मित हो सकती है। सीटू से जुड़े ठेका यूनियन ने अब तक हड़ताल को नोटिस नहीं दिया है।
तय नहीं कर पा रहे नियमित कर्मचारी
नियमित कर्मचारी तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे हड़ताल में शामिल हों या नहीं। वहीं दूसरी ओर वे सोमवार को एक्यूपमेंट चौक में धरना प्रदर्शन कर रहे संयुक्त यूनियन के नेताओं से मिलकर अपना समर्थन भी देते नजर आए। ड्यूटी जाने से पहले प्रदर्शन करने वालों का हौसला वे जरूर बढ़ा रहे थे। ऐसे में नियमित कर्मियों के मन में साफ नहीं है कि वे हड़ताल में शामिल होंगे या नहीं।
उत्पादन से जुड़ा काम करते हैं ठेका श्रमिक
भिलाई इस्पात संयंत्र Bhilai Steel Plant के उत्पादन से जुड़े काम ठेका श्रमिक करते हैं। इस वजह से प्रबंधन कम से कम ठेका श्रमिकों को इस हड़ताल से दूर रखने की कोशिश करेगा। बीएसपी के सभी विभाग में न तो ठेका श्रमिकों को एडब्ल्यूए मिल रहा है और न बोनस ही दिया जा रहा है। इसको लेकर आवाज भी बहुत ही दबे स्वर में उठाई जाती है।
टल गया बड़ा हादसा
बीएसपी के संयुक्त यूनियन के प्रदर्शन के दौरान शाम 5.50 बजे एक तेज रफ्तार ट्रक ने संयंत्र कर्मी की कार को जोरदार टक्कर मारा। इससे कार एक साइड से पिचक गई। मेनगेट जाने वाले रास्ते में बहुत मुश्किल से कार में सवार की जान बची। मौजूद श्रमिक नेता आक्रोशित हो गए और आईआर विभाग पर नो एंट्री टाइम में भी ट्रैकों की आवा-जाही कराने की बात कही। https://www.patrika.com/prime/exclusive/after-nurturing-schools-for-poor-children-for-17-years-bsp-handed-over-these-schools-to-private-hands-19057675