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अ​भिनेत्री म​ल्लिका शेरावत बोली, वेब सीरीज में ग्लैमर इसलिए बढ़ा रूझान, बड़े पर्दे को नुकसान नहीं

बॉलीवुड की बोल्ड अभिनेत्रियों में शुमार मल्लिका शेरावत इस समय वेब सीरीज बनाने में व्यस्त हैं। उनकी कई वेब सीरीज आने वाली है। मल्लिका का कहना है कि वेब सीरिज में ग्लैमर है इसलिए लोगों का इस ओर रूझान बढ़ा है। हालांकि बड़े पर्दे को इससे नुकसान नहीं है। मल्लिका शनिवार को भीलवाड़ा में संगीत कार्यक्रम में भाग लेने आई थी। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते कई सवालों के जवाब दिए लेकिन फिल्म पठान और फिल्मों में बढ़ती अश्लीलता पर चुप्पी साधे रहे। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।

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बॉलीवुड की बोल्ड अभिनेत्रियों में शुमार मल्लिका शेरावत इस समय वेब सीरीज बनाने में व्यस्त हैं। उनकी कई वेब सीरीज आने वाली है। मल्लिका का कहना है कि वेब सीरिज में ग्लैमर है इसलिए लोगों का इस ओर रूझान बढ़ा है। हालांकि बड़े पर्दे को इससे नुकसान नहीं है। मल्लिका शनिवार को भीलवाड़ा में संगीत कार्यक्रम में भाग लेने आई थी। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते कई सवालों के जवाब दिए लेकिन फिल्म पठान और फिल्मों में बढ़ती अश्लीलता पर चुप्पी साधे रहे। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।


सवाल: कोरोना के बाद वेब सीरीज की बाढ़ आई। इसके प्रति बढ़ता रूझान बड़े पर्दे के लिए संकट है?

उत्तर: ऐसा नहीं है। वेब सीरीज में ग्लैमर होने से लोग इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। खासतौर से कोरोना काल के बाद वेब सीरीज के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है। बढ़े अदाकार भी वेब सीरीज में अभिनय कर रहे हैं। वेब सीरीज से बड़े पर्दे को नुकसान नहीं है। उनके अपने दर्शक हैं।


सवाल: लम्बे समय से आपकी फिल्म नहीं आई। क्या बड़े पर्दे से दूर हो रही हैं?
उत्तर: अभी वेब सीरीज बनाने में व्यस्त हूं। जल्द वेब सीरीज खड़े बावले आने वाली है। बड़े पर्दे से दूर होने का सवाल नहीं है। उसी से मेरी फिल्म इंडस्ट्रीज में पहचान बनी है।

सवाल: पठान फिल्म में दीपिका पादुकोण के कपड़ों को लेकर विवाद छिड़ा है। कितनी गलती अदाकारों की है। क्या फिल्मों में अश्लीलता बढ़ रही है ?
उत्तर: इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहती। मुझे विवाद के बारे में भी ज्यादा पता नहीं है। फिल्मों में अश्लीलता बढ़ने वाली बात नहीं है।
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सिंगर नीरज श्रीधर
श्रीधर ने कहा कि नए गाने प्लास्टिक के चाय के कप की तरह है। चाय पीकर कप फेंक देते हैं, वैसे ही नए गाने लंबे समय तक लोगों के मुंह पर नहीं रहते। पुराने गाने स्टील के ग्लास की तरह है जो लम्बे समय तक लोगों के मुंह पर रहते हैं। यह गिलास कभी टूटते नहीं और सदाबहार रहते हैं। इन ग्लासों से हजार बार चाय पी जा सकती है। परिवर्तन सदी की चाल है। युवा नए गाने ज्यादा पसंद करते है।